scriptदिवाली पर फूटा प्रदूषण बम, कम पटाखों के बीच भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा एक्यूआई | less crackers burnt but pollution level increased in UP on diwali | Patrika News
लखनऊ

दिवाली पर फूटा प्रदूषण बम, कम पटाखों के बीच भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा एक्यूआई

– कोविड-19 के बीच हर्षोल्लास के साथ मनाया गया दिवाली का त्योहार
– लोगों ने कम पटाखे जलाकर मनाई दिवाली
– कम पटाखों के बीच भी नहीं घटा प्रदूषण का स्तर
– 400 के करीब पहुंचा राजधानी समेत यूपी के अन्य शहरों का एक्यूआई

लखनऊNov 15, 2020 / 04:28 pm

Karishma Lalwani

दिवाली पर फूटा प्रदूषण बम, कम पटाखों के बीच भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा एक्यूआई

दिवाली पर फूटा प्रदूषण बम, कम पटाखों के बीच भी खतरनाक स्तर पर पहुंचा एक्यूआई

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में दिवाली का त्योहार कोविड-19 के बीच पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने शाम को शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की और दिए जलाए। एक दूसरे को बधाई देते हुए मुंह मीठा किया व त्योहार की खुशियां मनाईं। वहीं, प्रदूषण व कोरोना के स्तर को देखते हुए इस बार पहले की तुलना में पटाखे भी कम फोड़े गए। हालांकि, कम पटाखों के जलने के बाद भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों की धज्जियां जरूरी उड़ी। कम पटाखों के बीच भी राजधानी लखनऊ समेत यूपी के अन्य जिलों में प्रदूषण का स्तर 400 के करीब पहुंच गया। इसका असर रविवार सुबह भी देखने को मिला। सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों को लो विजिबिलिटी की शिकायत हुई। बता दें कि यूपी सरकार ने लखनऊ सहित 13 शहरो में 30 नवंबर तक पटाखे फोड़ने व बिक्री करने पर रोक लगाई है।
भीड़ वाली जगह पर जाने से परहेज

इस बार घरों में दीये ज्यादा जलाए गए और पटाखे कम फोड़ गए। कोविड-19 के असर को देखते हुए ज्यादातर लोगों ने भीड़ वाली जगह पर जाने से परहेज किया। बाजारों में भी पहले जैसी रौनक नहीं दिखी। इस बार पटाखों की बिक्री भी कम रही। यह भी दिवाली पर कम पटाखे फोड़ने का एक कारण है। लेकिन कम आतिशबाजी के बाद भी सूबे की आबोहवा पर असर पड़ा। पिछले कई दिनों से 300 के स्तर पर होने वाला एक्यूआई 400 पार के खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया।
कानपुर सबसे प्रदूषित

जिला और पुलिस की लापरवाही की वजह से लोगों में पर्यावरण को लेकर खास चिंता नहीं दिखी। लखनऊ वासियों ने एनजीटी और प्रशासन के आदेश को ताक पर रख कर कम लेकिन जमकर आतिशबाजी की। राजधानी के सभी क्षेत्रों में खूब पटाखे जलाए गए। आतिशबाजी की वजह से वायु प्रदूषण खतरनाक हो गया, जिसकी वजह से सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ। लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 441 हो गया। इससे भी बुरा हाल पड़ोसी शहर कानपुर का रहा। यहां शाम तक तो लोगों ने खूब संयम बरता लेकिन रात नौ बजे के बाद 522 एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) पर पहुंच गया, जोकि खतरनाक स्तर है। हालांकि पिछली दीपावली की अपेक्षा प्रदूषण करीब 40 प्रतिशत से कम रहा। ऐसा ही कुछ आगरा, मेरठ, कानपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा में भी देखने को मिला। मुरादाबाद में 411, मेरठ और आगरा में भी 400 के पार पहुंच गया।
इन शहरों में लगी है रोक

प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, बुलंदशहर और मुरादाबाद में पटाखे जलाने पर रोक लगाई है।

मुख्यमंत्री ने मनाई दिवाली
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगिया समुदाय के लोगों के साथ दीपावली मनायी। यहां लोगों को संबोधित करने के दौरान मुख्यमंत्री थोड़े भावुक हो उठे। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि देश को आजादी 1947 में ही मिल गई लेकिन वनटांगियों को वास्तविक आजादी पाने में उसके बाद भी 70 साल लग गए। उन्होंने कहा कि वनटांगिया गांवों में लोग झोपड़ी में, ढिबरी की रोशनी में रहने को मजबूर थे। यहां सिर्फ गरीबी दिखती थी। वो यहां की समस्याओं से वाकिफ थे। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद इन वनवासियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा गया।
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