बाराबंकी-बलरामपुर में हालात खराब बाराबंकी में सरयू नदी की बाढ़ की कटान रोकने के लिए सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपए का बजट खर्च करती है जिससे ग्रामीणों को बाढ़ और उसकी कटान से बचाया जा सके मगर हर वर्ष सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ जाती है। इस साल भी सरकार ने बाढ़ और नदी से होने वाली कटान के समाधान के लिए करोड़ों का बजट दिया है। बाढ़ ग्रस्त गांवों में नदी ने अपनी कटान शुरू कर दी है तो ग्रामीणों ने घर को नदी में समा जाने के डर से अपना आशियाना खुद ही तोड़ना शुरू कर दिया है जिससे उसमें लगी ईंट का उपयोग बाद में किया जा सके।
खतरे के निशाने पर राप्ती नदी यूपी के बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशाने के करीब आ गई है। इस वक्त राप्ती नदी तटवर्ती इलाकों में करीब 35 स्थानों पर कटान कर रही है। जिले के उतरौला तहसील के तहत आने वाला चंदापुर बांध में धीरे-धीरे कटान शुरू हो गई है। हालांकि, अधिकारियों ने किसी तरह नदी की धारा को मोड़ने का प्रयास किया है जिससे चंदापुर बांध के पास बसे करीब आधा दर्जन गांव को बचाया जा सके।
45 घर कट चुके जिले के सदर तहसील के तहत आने वाले कल्याणपुर के ग्रामीणों का हाल बेहाल है। यहां पर अब तक तकरीबन 45 घर कट चुके हैं और सौ हेक्टेयर से ज्यादा खेत राप्ती नदी में समाहित हो चुके हैं। कल्याणपुर गांव इस समय टापू बना हुआ है।