पांचवें चरण के रण में राहुल-सोनिया, राजनाथ सहित इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
लखनऊ : सात-सात बार भाजपा कांग्रेस जीतीयूपी की वीआईपी सीटों में शुमार लखनऊ लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री राजनाथ सिंह भाजपा प्रत्याशी हैं। उनके सामने गठबंधन और कांग्रेस की चुनौती है। कांग्रेस ने लखनऊ से आचार्य प्रमोद कृष्णम को टिकट दिया है तो समाजवादी पार्टी से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी व अभिनेत्री पूनम सिन्हा को गठबंधन प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 1991 से अब तक (सात बार) इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। यहां से पांच बार स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी सांसद चुने गये तो एक बार लालजी टंडन और एक बार राजनाथ सिंह सांसद बने। लखनऊ से राजनाथ सिंह दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। लखनऊ सीट पर कांग्रेस ने भी कुल सात बार जीत दर्ज की है। आखिरी बार 1984 में कांग्रेस प्रत्याशी शीला कौल विजयी रही थीं। लखनऊ सीट पर कभी भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का खाता नहीं खुला।
गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली लोकसभा सीट से 16 बार कांग्रेस विजयी रही। भाजपा सिर्फ दो बार इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही है। 1977 में जनता दल के टिकट पर राजनारायन ने यहां से जीत दर्ज की थी। रायबरेली में सपा-बसपा का कभी भी खाता नहीं खुला। रायबरेली से पांचवीं बार कांग्रेस ने सोनिया गांधी को पार्टी उम्मीदवार बनाया है। 1999 से अब तक रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद रही हैं। गठबंधन ने इस बार कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। भाजपा के टिकट पर पूर्व कांग्रेसी नेता दिनेश प्रताप सिंह चुनाव मैदान में हैं। सोनिया ही नहीं फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी शीला कौल जैसे दिग्गज नेता भी रायबरेली से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचते रहे हैं।
1967 से आस्तित्व में आई अमेठी लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा 13 बार कांग्रेस प्रत्याशी जीत में सफल रहे हैं। सिर्फ एक-एक बार भाजपा और जनता दल ने यहां से जीत का स्वाद चखा है। अमेठी लोकसभा सीट से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने जीत हासिल की है। 2004 से राहुल गांधी अमेठी के सांसद हैं। इस बार भी वह कांग्रेस प्रत्याशी हैं। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को फिर से टिकट दिया है। अमेठी में इस बार भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है। पिछला चुनाव हारने के बावजूद वह लगातार अमेठी में सक्रिय हैं।
2008 के परिसीमन के बाद शाहजहांपुर से अलग होकर वर्चस्व में आई धौरहरा लोकसभा सीट इस समय भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है। रेखा वर्मा यहां से सांसद हैं। इस बार भी भाजपा ने रेखा वर्मा पर ही दांव लगाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के कारण धौरहरा लोकसभा सीट हॉट सीटों में शुमार है। 2009 में धौरहरा से पहला चुनाव जीतने वाले जितिन प्रसाद पर कांग्रेस ने एक बार फिर दांव लगाया है। धौरहरा से बहुजन समाज पार्टी ने अरशद अहमद सिद्दीकी को गठबंधन का प्रत्याशी बनाया है। त्रिकोणीय मुकाबले के बीच जितिन प्रसाद के लिए इस बार धौरहरा सीट जीतना बड़ी चुनौती है।
केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति फतेहपुर सुरक्षित सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं। बसपा के सुखदेव प्रसाद वर्मा गठबंधन के और पूर्व सांसद राकेश सचान यहां से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। चुनाव के ऐन मौके पर सपा से टिकट न मिलने के बाद राकेश सचान कांग्रेस में शामिल हो गये। यहां से पांच बार कांग्रेस, तीन-तीन बार भाजपा व जनता दल, दो बार बसपा, एक-एक बार सपा, भारतीय लोकदल और निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। फतेहपुर से चुनाव जीतने वाले प्रमुख चेहरों में विश्वनाथ प्रताप सिंह, हरिकृष्ण शास्त्री, संत बक्श सिंह, राकेश सचान और निरंजन ज्योति जैसे प्रमुख चेहरे शामिल हैं।