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लखनऊ

भ्रष्टाचार के मामले में नप सकते हैं यूपी के कई नेता-अधिकारी, लोकायुक्त की जांच में हुआ बड़ा खुलासा

33 नेताओं व लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप , लोकायुक्त जांच में सामने आया भ्रष्टाचार

लखनऊSep 17, 2018 / 01:57 pm

Prashant Srivastava

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भ्रष्टाचार के मामले में नप सकते हैं यूपी के कई नेता-अधिकारी, लोकायुक्त की जांच में हुआ बड़ा खुलासा

लखनऊ. भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस का वादा करने वाली योगी सरकार जल्द ही बड़ी कार्रवाई कर सकती है। दरअसल यूपी के लोकायुक्त कार्यालय ने प्रदेश के 33 नेताओं व लोकसेवकों के खिलाफ कार्यवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेज दी है। ये लोकसेवक व नेता लोकायुक्त की जांच में दोषी पाए गए हैं। शासन को रिपोर्ट भेजे जाने की जानकारी के बाद नेताओं व अफसरों में जल्द लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कुछ बड़े नेताओं व अफसरों पर गाज गिरेगी। इसके अलावा बलिया के खाद्यान्न घोटाले के मामलों में अलग-अलग जांच एजेंसियां जल्द 563 सरकारी अफसरों-कर्मचारियों पर अपना शिकंजा कसेंगी। 15 दिन के अंदर एजेंसियों को इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल जाएगी। इसमें 203 अफसर व कर्मचारी अकेले बलिया के खाद्यान्न घोटाले से जुड़े हुए हैं।
पिछले दो साल में भ्रष्टाचार की कई शिकायतें

लोकायुक्त कार्यालय ने पिछले 20 महीने के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतें दर्ज की हैं। यही नहीं लोकायुक्त संजय मिश्रा ने इनमें से साल 2017 में लोकायुक्त कार्यालय में प्रदेश के विभिन्न लोगों ने 3137 दर्ज कराए थे जबकि 615 मामले पुराने लंबे थे। इस तरह 3752 मामले कुल 2017 में लोकायुक्त के सामने आए थे। इसमें 2552 मामले को प्रारंभिक जांच 278 मामलों को जांच के निस्तारित किया गया। 2017 में लोकायुक्त की जांच में 17 बड़े मामलों में लोकायुक्त की जांच में 17 बड़े मामलों में लोक प्राधिकारी व नेता दोषी पाए गए थे।

2017 में कुल दर्ज हुए मामले-3137
निलंबित चले आ रहे मामले-615
कुल दर्ज मामले-3752
निस्तारित मामले-2552
जांच के बाद निस्तारित मामले-278


लोकायुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2018 में लोकायुक्त को कुल 16 लोक सेवक और नेता भ्रष्टाचार में संलिप्त मिले। दोनों वर्षों में 33 लोग दोषी मिले। इनके मामलों को लोकायुक्त ने मुख्य सचिव व सीएम को भेज दिया है। इनमें से 2017 के 8 मामलों तथा 2018 के 3 मालों को लोकायुक्त ने राज्यपाल राम नाईक के पास भी भेज दिया है। लोकायुक्त के सचिव राकेश कुमार ने कहा कि इन अधिकारियों व नेताओं के नाम गोपनीय रखे जाते हैं। ये मीडिया को लोकायुक्त कार्यालय द्वारा नहीं बताए जाएंगे।
ये भी नप सकते हैं

भ्रष्टाचार के मामलों में अलग-अलग जांच एजेंसियां जल्द 563 सरकारी अफसरों-कर्मचारियों पर अपना शिकंजा कसेंगी। 15 दिन के अंदर एजेंसियों को इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल जाएगी।


विजिलेंस के 61 मामलों में फंसे हैं 134 सरकारी अफसर
विजिलेंस में भ्रष्टाचार से जुड़े अलग-अलग विभाग के 61 मामलों में 26 विभागों के 134 अफसर फंसे हुए हैं। इसमें 10 से ज्यादा अफसर चिकित्सा, सिंचाई, माध्यमिक शिक्षा, राजस्व व वन विभाग के हैं। सिंचाई विभाग से जुड़े कुछ मामलों को दोबारा सतर्कता समिति के सामने पेश किया जाना तय हुआ है। विजिलेंस के 46 मामलों में संबंधित विभागों से राय मांगी गई है।

ईओडब्ल्यू में 50 मामलों में फंसेंगे 344 लोक सेवक

ईओडब्ल्यू में 18 विभागों के 50 मामलों में 344 सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लटकी हुई है। इसमें से 203 लोकसेवक सिर्फ बलिया के खाद्यान्न घोटाले से जुड़े हुए हैं। वहां घोटाले के 18 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा 32 अफसर व कर्मचारी ग्रामीण विकास के हैं जिनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति होनी है। सहकारिता व समाज कल्याण के 12-12, स्वास्थ्य के 11, कृषि के 10 लोकसेवक कार्रवाई के दायरे में हैं।
सीबीसीआईडी में 85 अफसर-कर्मचारी फंसेंगे

सीबीसीआईडी के 21 मामलों में 85 सरकारी अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई लंबित है। इसमें सबसे ज्यादा 14 मामले गृह विभाग यानी पुलिस से जुड़े हैं।

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