समाजवादी पार्टी के विक्रमादित्य मार्ग पर पार्टी कार्यालय में शनिवार को सदस्यता ग्रहण समारोह के बाद समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहाकि जैसे-जैसे मौसम खुलेगा, वैसे वैसे पार्टी में गर्माहट आती रहेगी। ये छोटा-मोटा बदलाव नहीं है। सरकार में बदलाव लाएगा। जब आप लोग अपने घरों से निकले तो सरकार को समझ नहीं आ रहा था। ये नया साल ज़रूर है लेकिन हमारा नया साल तब होगा, जब हमारी आपकी सरकार होगी।
किसान की हालात पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे गरीब किसानों ने भरोसा कर लिया और सरकार बना ली। दिल्ली में दोबारा मौका दे दिया। सरकार उनकी बनी लेकिन किसानों को बर्बाद कर दिया। उन्होंने पूछा कि यूपी किसके लिए जाना जाता था? यहां बेहतरीन सड़कें, लैपटॉप दिया लेकिन आज यूपी अपराधों का प्रदेश बन गया है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहाकि हमें और आपको उलझ दिया, शौचालय में कि हम कुछ समझ न पाएं। सबको लाइन में लगा दिया, कहा था कि नोटबन्दी से भ्रष्टाचार, आतंकवाद ख़त्म हो जाएगा। कहां खत्म हो गया? पहले नोटबन्दी में लाइन में लगाया था, अब सीएए में लाइन में लगाने की तैयारी है।
सीएए और एनआरसी पर तीखे बाण छोड़ते हुए अखिलेश यादव ने कहाकि, हमारे संविधान में धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं है, लेकिन इनको सत्ता मिलते ही इन्होंने धर्म के आधार पर भेदभाव कर दिया। असम के एक हिस्से में तो एनआरसी लागू ही नहीं हो पाई, उत्तर पूर्व में तो कई हिस्से ऐसे हैं जहां बिना परमिट के नहीं जा सकते हैं। पूर्व देश को उलझा दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि इस जमाने में बहुत लोग ऐसे हैं जिन्होंने कभी कैलेंडर ही नहीं देखा है। कहां से अपना और अपने पिता का जन्मप्रमाण पत्र लाएंगे? बड़े-बड़े राजा महाराज भी हैं जिनके पास भी कागज़ नहीं हैं। अखिलेश यादव ने इस दौरान बताया कि अमेठी के एक राजा थे, हमारे पास आए थे, उनके बेटे ने उनके महल पर कब्ज़ा कर लिया। हमें पीएसी लगानी पड़ी तो राजा अपने महल में घुस पाए। राजा के पास भी महल के कागज़ नहीं थे।
अखिलेश ने कहा, ‘हम चाहते थे कि जाति आधारित जनगणना हो जाए, लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं होने दिया और आंकड़े भी बाहर नहीं आए। वे जानते हैं कि जिस दिन इस देश की जातियों की गिनती हो जाएगी उस दिन हिंदू-मुसलमान का झगड़ा खत्म हो जाएगा।’ अखिलेश यादव ने कहाकि हमने लोकभवन बनाया, भाजपा ने अपने नेता को सम्मान नहीं दिया। जिनको लोकभवन में सम्मान दिया, उनके जन्म स्थान पर एक यूनिवर्सिटी ही बना देते।