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लखनऊ

चैत्र नवरात्रि व हिन्दू नववर्ष कल, कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करेंगे ये दोनों पाठ

पहला नवरात्र कलघरों में ही करें देवी आराधनासुबह 11.35 बजे से 12.28 बजे तक है घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

लखनऊMar 24, 2020 / 10:13 am

Mahendra Pratap

चैत्र नवरात्रि व हिन्दू नववर्ष कल, कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करेंगे ये दोनों पाठ

चैत्र नवरात्रि व हिन्दू नववर्ष कल, कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करेंगे ये दोनों पाठ : साभार

लखनऊ. चैत्र नवरात्रि 2020 यानी वासंतिक नवरात्रि बुधवार 25 मार्च से शुरू होने जा रही है। जैसे 31 दिसम्बर को सारा विश्व नए साल का स्वागत करता है उस ढंग से हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ होता है। इस बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी 25 मार्च से विक्रम नवसंत्सवर 2077 का प्रारंभ होगा। चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ एक ही दिन हो रहा है।
लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाले ज्योतिषाचार्य और धर्मज्ञाता अजय श्रीवास्तव के अनुसार चैत्र नवरात्रि 2020 25 मार्च से शुरू होगा, और नवमी तिथि 02 अप्रैल को मनाई जाएगी। दशमी 03 अप्रैल को होगा और इसी दिन नवरात्रि का पारण भी होगा। अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि बुधवार को घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11.35 बजे से 12.28 बजे तक है।
25 मार्च बुधवार नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि विधान से करें। आरोग्य की प्राप्ति के लिए गोघृत का नैवेद्य चढ़ाएं। मनोकामना जरूर पूरी होगी।

26 मार्च : दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा। दीघार्यु की प्राप्ति के लिए शक्कर का नैवेद्य चढ़ाएं। मनोकामना जरूर पूरी होगी।
27 मार्च : तीसरा दिन मां दुर्गा के गौरी स्वरूप की पूजा। दुखों को दूर भगाने के लिए दूध का नैवेद्य चढ़ाएं।

28 मार्च : चौथा दिन मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा। फैसला लेने की शक्ति विकसित करने के लिए मालपुआ का नैवेद्य चढ़ाएं।
29 मार्च : पांचवां दिन स्कंदमाता की पूजा। बुद्धि के विकास के लिए केले का नैवेद्य चढ़ाएं।

30 मार्च : नवरात्रि का छठा दिन कात्यायनी माता की पूजा अर्चना। सुंदरता को बरकरार रखने के लिए मधु का नैवेद्य चढ़ाएं।
31 मार्च : सातवां दिन को महा सप्तमी कहा जाता है। इस दिन माता कालरात्रि की पूजा की जाती है। जीवन में विपत्तियों को दमर भगाने और शोक मुक्ति के लिए गुड़ का नैवेद्य चढ़ाएं।
01 अप्रैल : दुर्गा अष्टमी होगी। आज के दिन महागौरी की विधि विधान से पूजा की जाएगी। हर प्रकार की पीड़ा को दूर करने के लिए नारियल का नैवेद्य चढ़ाएं।

02 अप्रैल: नवरात्रि के नौवें दिन को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। हालांकि चैत्र शुक्ल नवमी के दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि को राम नवमी के रूप में भी मनाया जाता है। दुनिया के हर आदमी की खुशी और उनके दुख को दूर भगाने के लिए धान का नैवेद्य चढ़ाएं।
03 अप्रैल: नवरात्रि के 10वें दिन हवन आदि करने के बाद पारण करने का समय आता है। ब्राह्मण को दान करने के बाद व्रत करने वाले व्यक्ति को भोजन ग्रहण कर व्रत को पूर्ण करना चाहिए।
शरीर की सुरक्षा करने का बेहद उपयोगी कवच :— ज्योतिषाचार्य और धर्मज्ञाता अजय श्रीवास्तव बताते हैं कि कोरोना वायरस की वजह से इस वक्त आप सभी घर में हैं, नवरात्रि बुधवार से शुरू होने जा रही है, आपके पास समय भी खूब है, श्रीदेवीमाहात्म्य, दुर्गा सप्तशती का एक पाठ रोजाना करने से, सभी दुख और संकट दूर चले जाएंगे। रामरक्षा स्तोत्र का पाठ सुबह या शाम को हिन्दी या संस्कृत में सात, नौ या 11 बार करें। इसमें शरीर की सभी अंगों की सुरक्षा के लिए भगवान श्रीराम का स्मरण कर उनसे प्रार्थना की जाती है। संकट काल में यह शरीर की सुरक्षा करने का बेहद उपयोगी कवच है।

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