आठ दिन बाद फैसले पर लगी मुहर बता दें कि 31 अगस्त को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन किया गया था जिसमें अटलजी से जुड़े तमाम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी। इन प्रस्तावों में लखनऊ के प्रमुख चौराहे हजरतगंज को अटल जी के नाम करने का प्रस्ताव आया लेकिन इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था। लेकिन आठ दिन बाद लखनऊ का सिटी सेंटर कहे जाने वाले हजरतगंज स्थित चौराहे को ‘अटल’ बनाने पर मुहर लग गई।
होंगे और भी बदलाव सिर्फ हजरतगंज का नाम ही नहीं बदला गया है। इसके आगे और भी बदलाव होंगे। स्मृति उपवन का नाम बदलकर अटल स्मृति उपवन रखा जाएगा जिसमें उनकी 51 कविताएं और भाषण समेत तमाम चीजें होंगी। जिससे कि लोग वहां आएं और कुछ सीख सकें। इसी के साथ भव्य स्मारकों के निर्माण और तमाम परियोजनाओं को भी अटल जी का नाम देने की भी तैयारी है। इसके अलावा शिक्षा, चिकित्सा, आवास, सुशासन और सुविधाओं से जुड़ी नगर निगम की कई बड़ी परियोजनाएं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर होंगी। इसके अलावा उनकी यादों से जुड़ी वस्तुओं को सहेजने के लिए संग्रहालय भी बनाया जाएगा।
लखनऊ के थे और लखनऊ के ही रहेंगे अटल जी महापौर संुक्ता भाटिया ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से पांच बार सांसद रहे थे। वह पांच बार नगर निगम के भी सदस्य चुने गए थे। वे लखनऊ से हगरा लगाव भी रखते थे। अटल जी लखनऊ के थे और लखनऊ के ही रहेंगे।