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लखनऊ का शाहीन बाग: घंटाघर मामले पर ट्रोल हुई लखनऊ पुलिस, कहा अफवाह न फैलाएं

ठंड और प्रशासन की सख्ती के बावजूद डटी हैं महिलाएंप्रदेश में चार अन्य शहरों में सीएए और एनआरसी पर प्रदर्शन जारी

लखनऊJan 19, 2020 / 06:35 pm

Mahendra Pratap

लखनऊ का शाहीन बाग: घंटाघर मामले पर ट्रोल हुई लखनऊ पुलिस, कहा अफवाह न फैलाएं

लखनऊ का शाहीन बाग: घंटाघर मामले पर ट्रोल हुई लखनऊ पुलिस, कहा अफवाह न फैलाएं

लखनऊ. दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर पर शुक्रवार शाम 3 बजे से शुरू हुआ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण (एनआरसी) के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन 50 घंटे बीत जाने के बाद भी जारी है। कड़ी ठंड, गलन और प्रशासन की सख्ती भी उनके विरोध प्रदर्शन का हौसला नहीं तोड़ पा रही है। रविवार को संख्या में और लगातार बढ़ोत्तरी होती रही। शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहीं इन महिलाओं से शनिवार देर रात जब लखनऊ पुलिस ने कम्बल छीनना शुरू किया तो सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस का विरोध शुरू हो गया। ट्वीटर पर #कंबल_चोर_यूपी_पुलिस’ ट्रेंड करने लगा। इस पर लखनऊ पुलिस ने अपनी सफाई दी। लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू है। पहली बार शनिवर को पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने लखनऊ में धारा 144 लागू कर इतिहास भी बना दिया। पर उन्होंने धारा 144 लगाने की वजह डिफेंस एक्सपो बताया है।
सीएए और एनआरसी के विरोध में लखनऊ के घंटाघर में प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं पर लखनऊ पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया, तो उनकी कार्रवाई के तरीके की धज्जियां उड़ने लगीं। तो यूपी पुलिस को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया। विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए शनिवार देर रात लखनऊ पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारियों के कंबल छीन उन पर कार्रवाई की, तो सोशल मीडिया पर उनकी कार्रवाई करने के तरीके पर सवाल उठाया जाने लगे। यही नहीं ट्वीटर पर #कंबल_चोर_यूपी_पुलिस’ ट्रेंड करने लगा। रविवार सुबह को लखनऊ पुलिस ने स्टेटमेंट जारी कर कंबल हटाए जाने का कारण बताया।
लखनऊ पुलिस की सफाई :- लखनऊ पुलिस के जारी स्टेटमेंट में कहा गया कि शहर के घंटाघर पार्क में अवैध रूप से धरना प्रदर्शन चल रहा था। कुछ लोगों ने वहां रस्से और डंडे से घेरा बनाकर शीट लगाया था, जिसे लगाने से मना किया गया था। कुछ संगठन के लोगों के द्वारा पार्क में कंबल वितरित किया जा रहा था। जिससे आसपास के लोग जो धरने में सम्मलित नहीं थे, वह भी कंबल लेने आ रहे थे। पुलिस ने वही कंबल और उन संगठन के लोगों को वहां से हटाया। कंबलों को विधिक तरीके से कब्जे में लिया गया। इसलिए अफवाह न फैलाएं।
लखनऊ पुलिस पर इस वजह से लगे आरोप:- आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं की बनाई गई बैरीकेडिंग की रस्सियां खोल दीं, टेंट लगाने का सामान भी गाड़ियों में भर लिया, यही नहीं पुलिस ने आसपास की दुकानें बंद करवा दीं और शौचालय में ताला डलवा दिया था। ठंड से बचने के लिए जलाए गए अलाव पर पुलिस ने पानी डाला और प्रदर्शनकारियों के साथ लाए कंबल को जब्त कर लिया था। कंबल जब्त किए जाने की तस्वीरों सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसमें लखनऊ पुलिस की काफी आलोचना हुई।
प्रदर्शनकारियों ने लगाए आरोप :- प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके खाने पीने के सामान ले गई। छह मददगारों का चालान किया। इस बीच पुलिस को रोकने के लिए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाकर उनका रास्ता रोका। उन्होंने पुलिस को शांतिपूर्वक प्रदर्शन का संदेश दिया। कई महिलाओं ने पुलिस अफसरों को फूल देकर अपने साथ आने की अपील की।
भड़काने वालों का किया चालान:- एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति के टेंट लगाया था। जो सामान बिना अनुमति के लगाए गए थे, उन्हें ही जब्त किया गया था। प्रदर्शनकारियों को भड़काने की कोशिश करने वालों का चालान काटा गया। पुलिस का कहना है कि उनपर लगे बाकी आरोप बेबुनियाद हैं।
यहां पर भी जारी है प्रदर्शन :- उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। इन प्रदर्शनों की खासियत है कि इसकी अगुवाई मुस्लिम महिलाएं ही कर रही हैं। प्रयागराज में महिलाएं मनसूर अली पार्क, देवबंद में ईदगाह मैदान में ‘ख्वतीन एक्शन कमेटी’ के नेतृत्व में, कानपुर में मोहम्मद अली पार्क में मुस्लिम महिलाएं रोजाना शाम पांच बजे आतीं हैं और आठ बजे अपना विरोध प्रदर्शन कर वापस चली जाती हैं। वहीं वाराणसी में शाहीन बाग के विरोध में पोस्टर लगा है जिसमें लिखा- हिंदू धर्म में घर वापसी करो, सीएए और एनआरसी से छुटकारा पाओ। प्रदेश में 31 जनवरी तक धारा 144 लागू होने के बाद भी प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई भी हो रही है। अलीगढ़ में शनिवार को 70 महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

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