सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार से नाराज :- दूसरे दिन सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी नाराजगी जताते हुए कहाकि, यूपी सरकार की अब तक की कार्रवाई से सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या देश में अन्य आरोपियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा, जैसा इस मामले में किया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे को अब तक हिरासत में न लिए जाने का आधार क्या है? राज्य सरकार की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली के निशान नहीं दिखे, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया था। मामले में अगली सुनवाई 20 अक्तूबर को होगी।
जो अधिकारी सैल्यूट करेगा, क्या जांच करेगा : अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी हिंसा पर पुलिस और प्रशासन के अफसरों पर निशाना साधते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए योगी सरकार पर सवाल उठाए कहाकि, किसानों की हत्या का आरोप गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे पर है। अखिलेश यादव ने कहा, मुझे कोई ये समझाए कि जब गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के घर पर कोई पुलिस का अधिकारी जांच करने जाएगा तो उसे सबसे पहले गृह राज्य मंत्री को सैल्यूट करना होगा और जो अधिकारी सैल्यूट करेगा, वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की क्या जांच करेगा।
आशीष मिश्रा कॅरियर पर प्रश्नचिंह लगा:- लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू का नाम सुर्खियों में है। पर इस केस की वजह से आशीष मिश्रा का कॅरियर चौपट होता नजर आ रहा है। आशीष केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के छोटे बेटे हैं। पिता के साथ ही राजनीति का ककहरा सीखने लगे। पिता को वर्ष 2012 में भाजपा से विधायकी का टिकट मिला तो पुत्र ने पिता को पूरा सहयोग दिया और विजय की पताका फैलाई। क्षेत्र में आशीष मिश्रा को सब पहचानने लगे थे। वर्ष 2014 में भाजपा ने अजय मिश्रा को लोकसभा का टिकट लखीमपुर से दिया। एक बार फिर आशीष सक्रिय हुए और पिता को संसद पहुंचाया। चुनाव में लगातार सक्रिय होने से आशीष राजनीति के दांवपेंच को करीब से समझने लगे थे। पिता ने भी अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव 2017 में आशीष के लिए विधानसभा का टिकट भाजपा से मांगा पर बात बन नहीं पाई। फिर भी आशीष निघासन क्षेत्र में सक्रिय रहे। वर्ष 2019 में अजय मिश्र टेनी एक बार फिर लोकसभा चुनाव जोरदार ढंग से जीते। और केंद्रीय मंत्री बनाए गए। इसी के साथ चुनाव 2022 में निघासन विधानसभा सीट से आशीष के टिकट मिलने की संभावना काफी बढ़ गई थी। पर इस कांड ने उनके एक शानदार कैरियर पर प्रश्नचिंह लगा दिया।