साल 2004 में चक्रवाती तूफान के नामकरण की यह प्रकिया शुरू की गई है। अंफन नाम थाईलैंड ने रखा है, और यह बनाई गई सूची का आखिरी नाम है। इसके बाद नए नाम तय किए जाएंगे।
चक्रवात :- कम वायुमंडलीय दवाब के चारों ओर गर्म हवा की तेज आंधी को चक्रवात कहते हैं। दक्षिणी गोलार्ध में इन गर्म हवा को चक्रवात के नाम से जानते हैं और ये घड़ी की सुई के साथ चलते हैं। उत्तरी गोलार्ध में इन गर्म हवा को हरीकेन या टाइफून कहते हैं। ये घड़ी की सुई के विपरीत दिशा में चलते हैं।
बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफान अम्फन इस समय बंगाल की खाड़ी पर है। आने वाले कुछ घंटों में यह भीषण चक्रवात बन जाएगा। लखनऊ स्थित भारत मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि “अम्फन (Cyclone Amphan) या अन्फन” (Anfan) का उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से में तीन दिनों तक असर रहेगा। इस तूफान से यूपी के कई जिलों में भारी बारिश और तेज आंधी की संभावना है। साइक्लोन की स्थिति समय के साथ बदलती रहती है। ऐसे में जब साइक्लोन तटीय इलाके को हिट करेगा, उसके बाद और सटीक पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
यूपी मौसम विभाग निर्देशक जेपी गुप्ता के अनुसार अभी साइक्लोन की जो सिचुएशन है, उसके हिसाब से उत्तर प्रदेश में भी इसका प्रभाव दिखेगा। साइक्लोन का प्रभाव 20 मई से दिखना शुरू होगा, पर यह पूरे प्रदेश में नहीं होगा। प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में इसका प्रभाव हो सकता है, पश्चिमी—यूपी और मध्य यूपी में इसका कोई असर नहीं होगा।
अम्फन या अन्फन साइक्लोन से यूपी के संभावित प्रभावित जिले बलिया, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, चंदौली, सोनभद्र, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती हैं। जेपी गुप्ता के अनुसार इन जिलों में तेज हवाएं चलेंगी, जमकर बरसात होगी। 20 मई की शाम या रात से इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा। 21 मई और 22 मई को इसका प्रभाव ज्यादा देखा जा सकता है। 23 मई से मौसम सामान्य होने लगेगा। पर जब तक साइक्लोन तटीय इलाके से टक्रा न जाए तब तक बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है। पर सावधानी बरतें। तूफान की आशंका के बीच गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिल जाएगी।