ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सुरेश कुमार ने बताया कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। मेडिसिन विभाग के सभी मरीजों को निकालकर आग बुझा दी गई है। केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर पांच तल का है। इसमें चार सौ अधिक बेड हैं। रात 11 बजे द्वितीय तल पर आग लग गई। जिस वजह से आर्थोपेडिक और मेडिसिन वार्ड के कॉरीडोर के फॉल्स से लपटे निकलने लगीं। लिफ्ट में भी धमाके के साथ जलने लगी। ट्रॉमा सेंटर में 170 मरीज भर्ती थे। द्वितीय फ्लोर पर 39 बेड का मेडिसिन वार्ड है। वहीं 26 बेड का आर्थोपेडिक वार्ड हैं। कुल 50 मरीजों को गांधी वार्ड, लिंब सेंटर व बाल रोग में शिफ्ट किया गया।
ट्रॉमा सेंटर में केजीएमयू सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार, ट्रॉमा सीएमएस डॉ. संतोष कुमार, एमएस डॉ. सुरेश कुमार, केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. समीर मिश्रा ने व्यवस्थाओं की जांच की। प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक कुल 50 मरीज शिफ्ट किए गए। कोई हताहत नहीं हुआ है। आग के कारणों का पता नहीं चला है। इसकी जांच करवाई जाएगी।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी विजय कुमार सिंह के अनुसार आग लिफ्ट के पास रखे कबाड़ में लगी थी। इससे दूसरी मंजिल पर धुआं भर गया था। एसीपी चौक दुर्गा प्रसाद तिवारी के अनुसार फायर स्टेशन की गाड़ियों की मदद से आग को बुझा दिया गया।
तीन साल में ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की यह दूसरी घटना है। दोनों बार आग दूसरी मंजिल पर ही लगी। 15 जुलाई 2017 में दूसरी मंजिल पर स्थित डिजास्टर वार्ड में आग लगी थी।