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लखनऊ

मदरसा केस में नया मोड़, कथित आरोपी ने पुलिस से पहले ही मांगी थी मदद, पत्नी बोली सब मिले हुए हैं…

मदरसे में यौन शोषण मामले पर उठे कई सवाल, आरोपी की पत्नी ने किए कई खुलासे।

लखनऊJan 01, 2018 / 07:49 pm

Dhirendra Singh

Madarsa

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लखनऊ. राजधानी के सआदतगंज थाना क्षेत्र में बीते शुक्रवार को मदरसा जामिया खदीजातुल में लखनऊ पुलिस के छापे को लेकर कई गंभीर सवाल उठने शुरु हो गए हैं। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने यौन शोषण की शिकायत के बाद 52 छात्राओं को मदरसे से मुक्त कराने का दावा किया था। लेकिन गिरफ्तार किए गए कथित आरोपी की पत्नी ने इस मामले से जुड़े कई अहम खुलासे किए हैं। जिसमें उसने बताया है कि छापेमारी से एक दिन पूर्व ही कथित आरोपी ने पुलिस को एक शिकायत पत्र भेजा था, लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ। बल्कि अगले दिन छापेमारी कर उल्टा उसी को फंसा दिया गया।

तो क्या कारी तैय्यब जिया को फंसाया गया?

29 दिसंबर को लखनऊ पुलिस और जिला प्रशासन की टीम समेत सीडब्ल्यूसी व अन्य ने मदरसे पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के संबध में पुलिस ने कहा कि उसे स्थानीय लोगों ने अंदर रहने वाली बच्चियों की मदद की गुहार लगाती पर्चियों के संबंध में सूचना दी थी। इसमें छात्राओं ने मदरसे के अंदर उनके साथ यौन शोषण होने की बात लिखी थी।

हालांकि कारी तैय्यब जिया की पत्नी शाहीन बानो ने बताया कि मदरसे के पूर्व मालिक सय्यद जिलानी अशरफ ने कारी को फंसाने के लिए यह सब चाल चली है। उनका आरोप है कि 28 दिसम्बर की रात को ही जिलानी अशरफ अपने कई साथियों के साथ मदरसे पर पहुंचा। फिर तैय्यब जिया से मदरसे को फौरन खाली करने के नाम पर मारपीट की। साथ ही गलत केस में फसाने की धमकियां भी दी। उन्होंने बताया कि अशरफ व उनके लोगों ने तैय्यब जिया को बंधक बना लिया था। लेकिन किसी तरह उन्होंने पुलिस को फोन कर सूचना दी। साथ ही शाहीन बानो ने भी पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे बंधक मुक्त कराया। साथ ही कारी तैय्यब जिया के ऑफिस रूम में ताला लगा कर चले गए। शाहीन बानो का दावा है कि कारी ने उचित कार्रवाई न होने पर एसएसपी लखनऊ को व्हाट्सएप्प पर शिकायत भेजकर शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया था। लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर एक्शन लेने के बजाय उल्टा देर शाम मदरसे पर छापा मारकर कारी तैय्यब जिया को ही गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि कई लोग मिलकर कारी तैय्यब जिया को फसा रहे हैं।

जब पुलिस आई तब छात्राओं ने शिकायत नहीं की

शाहीन बानो ने बताया कि जब 28 दिसंबर की रात पुलिस आई, तब भी छात्राएं पर्ची फेंककर या आवाज लगाकर मदद मांग सकती थी। लेकिन किसी भी छात्रा ने ऐसा नहीं किया। वहीं अलगे दिन पुलिस की छापेमारी के बाद अचानक मामला कुछ और ही बना दिया गया।

कहीं मदरसा तो नहीं विवाद की वज़ह

शाहीन बानो के मुताबिक साल 2002 को सय्यद मोहम्मद जिलानी अशरफ ने उनके पति कारी तैय्यब को मदरसा पूरी तरह से अपने हिसाब से चलाने के अधिकार के साथ सौंप दिया था। उन्होंने बताया कि साल 2002 से 2004 तक यह लड़कों का मदरसा था। साल 2004 से तैय्यब जिया इस लड़कियों के मदरसे में तबदील कर दिया। इसके बाद से अब तक मदरसा पहले से काफी बेहतर स्थिति में पहुंच गया। यह देख जिलानी अशरफ वापस मदरसे का अधिकार जबरन मांगने लगा। इसको लेकर काफी विवाद हो रहा था।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने इस संबंध में कहा कि पुलिस ने छात्राओं के बयान के आधार पर ही कार्रवाई की है। मदरसे के अंदर गलत काम की शिकायत मिली थी। इस पर पुलिस व प्रशासन ने संयुक्त रुप से छापेमारी की। वहां से मुक्त कराई गई छात्राओं ने अपने बयान में कारी तैय्यब जिया के खिलाफ बयान दिया। उन्होंने कहा कि कारी तैय्यब जिया के परिवार को किसी अन्य मामले में कोई शिकायत है, तो वह शिकायत दें। उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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