लखनऊ नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के यात्रियों को मुआवजा
आपको बता दें कि तेजस एक्सप्रेस देश की पहली ऐसी ट्रेन है जिसके लेट होने पर यात्रियों को IRCTC मुआवजा देती है। ट्रेन के एक घंटा लेट होने पर 100 रुपये और दो घंटे या इससे ज्यादा लेट होने पर 250 रुपये मुआवजा का प्रावधान है। पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई यह ट्रेन दिसंबर और जनवरी के घने कोहरे में भी खूब दौड़ी। रेलवे द्वारा सभी दशाओं में प्राथमिकता पर इस ट्रेन को चलाने की व्यवस्था की गई। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण बंद चल रही लखनऊ नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस (Lucknow New Delhi Tejas Express 82501/82502) सात अगस्त को दोबारा शुरू हुई। उस समय ट्रेन को यात्रियों की कमी के संकट का सामना भी करना पड़ रहा था। ऐसे में काफी समय बाद 21 अगस्त को नई दिल्ली से आने वाली तेजस एक्सप्रेस को 1074 यात्री मिले, लेकिन आइआरसीटीसी इससे पहले खुश होता, कि उनके अरमानों पर पानी फिर गया।
तीन चक्करों में इतना लेट हुई ट्रेन
दरअसल 21 अगस्त को सही समय पर तेजस नई दिल्ली को रवाना हुई। ट्रेन सुबह 11:45 बजे सही समय पर गाजियाबाद पहुंची, लेकिन इस बीच नई दिल्ली स्टेशन पर तेज बारिश ने सभी सिग्नल पैनलों को खराब कर दिया। ट्रेन 2 घंटे 40 मिनट तक बीच सफर में रोकी जाने के बाद दोपहर 3:05 बजे नई दिल्ली पहुंची थी। इसी तरह वापसी में इस ट्रेन को दोपहर 3:40 की जगह शाम 6:10 बजे 2 घंटे 30 मिनट की देरी से लखनऊ रवाना किया गया। वापसी में यह ट्रेन 2 घंटे 52 मिनट बाद रात 12:57 बजे लखनऊ जंक्शन पहुंची। रात भर जागकर आइआरसीटीसी अधिकारियों ने तेजस के फिटनेस की जांच कराई। यात्रियों को उनके मोबाइल फोन पर ट्रेन देरी से छूटने का एसएमएस भेजा गया।
IRCTC इतना देगा मुआवजा
जानकारी के मुताबिक उस दिन लखनऊ से नई दिल्ली कुल 556 यात्री गए थे। प्रति यात्री 250 रुपये की दर से मुआवजे के हिसाब से यह रकम 1.39 लाख रुपये होगी, जबकि वापसी में 1074 यात्री आए। ऐसे में इन यात्रियों को आइआरसीटीसी 2 लाख 68 हजार 500 रुपये मुआवजा देगा। रविवार को ट्रेन सुबह 7:31 बजे 1:21 घंटे की देरी से चली। नई दिल्ली ट्रेन 1 घंटा 2 मिनट देरी से पहुंची। इस ट्रेन से गए 505 यात्रियों को आइआरसीटीसी 50 हजार 500 रुपये मुआवजा देगा। इस तरह तीनों चक्कर में देरी के चलते IRCTC अपने 2135 यात्रियों को लगभग 4.58 लाख रुपये मुआवजा देगा।