क्या है पूरा मामला
बलिया निवासी छात्रा संस्कृति गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक लखनऊ की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। गुरुवार कि रात वह अपने घर जा रही थी । संस्कृति के स्टेशन न पहूंचने पर संस्कृति का इन्तजार कर रहीं उसकी दूसरी दोस्त ने उसके पिता को फोन कर दिया । उसके बाद पिता उमेश कुमार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई । दूसरे दिन छात्रा का घायल शरीर मङियांव थाना क्षेत्र के घैला गांव के पास खेत में मिला, तब उसकी सांसें चल रहीं थीं। जब उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था तो वहां के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।
यूपी पुलिस के दावे फेल
रात से सुबह तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करती रही छात्रा परन्तु यूपी पुलिस शायद सोती रहीं। अगर वह सही वक्त पर जग गये होते तो यूपी की बेटी आज हमारे बीच जिन्दगी मुस्कुराहट के साथ जी रही होती ।
48 घण्टे के भीतर नहीं मिला इंसाफ तो करेंगे अनशन
कैंडल मार्च कर रहे पॉलीटेक्निक छात्र छात्राओं का कहना है कि अगर 48 घण्टे के भीतर उनकी सहपाठी को न्याय नही मिला तो वह अनशन पर बैठ जाएंगे। संस्कृति को जल्द से जल्द न्याय मिले । अन्यथा वह संस्कृति को इंसाफ दिलाने के लिए अनशन व धरना प्रदर्शन भी करने से पीछे नही हटेंगे।
सीबीआई जांच की मांग कर सकते हैं पॉलिटेक्निक छात्रा संस्कृति के सहपाठी
छात्र छात्राओं का कहना हैं कि अगर पुलिस प्रशासन कुछ नही कर पाती हैं तो हम सीबीआई जांच करवाने से पींछे नहीं हटेंगे। जब तक हमारी बहन संस्कृति को इंसाफ नहीं मिल जाता तब तक हम लड़ेंगें और संस्कृति को इंसाफ दिलवा कर रहेंगें ।
चुलबुल और हमेशा खुशमिजाज रहने वाली लड़की थी संस्कृति
संस्कृति को नाटक और नृत्य का बहुत शौक था। वह कॉलेज के सभी प्रोग्रामों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया करती थीं। उसकी सहेलिया बताती हैं कि वह बहुत चुलबुल और हँसने खेलने वाली लड़की थी। उसके चेहरे पर मुस्कुराहट हमेशा झूला करती थी। जिससे भी वह मिलती उसके चेहरे पर मुस्कान दे जाती थी। वह इंजीनियर बनने के साथ साथ एक एक्ट्रेस भी बनना चाहती थीं। उसे एक्टिंग का बहुत शौक था।