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लखनऊ

कृषि बिल से खेती-किसानी पर पड़ेगा दूरगामी प्रतिकूल असर : जयंत चौधरी

संसद से पास किए गए कृषि संबंधी विधेयकों पर किसानों की आवाज उठाने वाली पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि इन विधेयकों का खेती-किसानी पर दूरगामी प्रतिकूल असर पड़ेगा।

लखनऊSep 24, 2020 / 06:24 pm

Mahendra Pratap

कृषि बिल से खेती-किसानी पर पड़ेगा दूरगामी प्रतिकूल असर : जयंत चौधरी

कृषि बिल से खेती-किसानी पर पड़ेगा दूरगामी प्रतिकूल असर : जयंत चौधरी

लखनऊ. संसद से पास किए गए कृषि संबंधी विधेयकों पर किसानों की आवाज उठाने वाली पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि इन विधेयकों का खेती-किसानी पर दूरगामी प्रतिकूल असर पड़ेगा। इस बिल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का प्रावधान न करना किसानों के लिए घातक साबित होगा। कांट्रेक्ट फार्मिंग से छोटी जोत के किसान सबसे अधिक नुकसान में आएंगे। वे अपनी ही जमीन पर मजदूर बन जाएंगे।
जयंत चौधरी ने कहाकि, इस वक्त कोरोना काल चल रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार चुपचाप किसानों से जुड़े तीन अध्यादेश ले आती है और संसद में बिना चर्चा के पारित करा लेती है। राज्यसभा में बहुमत नहीं था, इसलिए वोटिंग ही नहीं होने दी। किसान कह रहे हैं, हमें नए कानून नहीं चाहिए, पर सरकार इन्हें लागू करने पर आमादा हैं। आंदोलन न होने पाए, इसलिए कर्फ्यू जैसा माहौल बनाया जा रहा है।
रालोद नेता जयंत चौधरी ने कहा कि मंडी में अगर किसान उत्पाद बेचेगा तो मंडी शुल्क लगेगा। बाहर बेचने पर शुल्क नहीं लगेगा। तब मंडियां खत्म होती चली जाएंगी। उस पर किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी नहीं होगी तो उसके लिए घातक परिणाम होंगे।
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