हजारों पेड़ नहीं काट सकते :- 2,940 पेड़ कटाने का दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस एसए बोबड़े ने कहा, ‘आप कृष्णा के नाम पर हजारों पेड़ नहीं गिरा सकते हैं।’ प्राधिकरण के वकील ने पीठ को बताया कि वृक्षों के नुकसान की भरपाई वनरोपण और वन विभाग के वृक्ष निधि में भुगतान करके की जाएगी।
पेड़ ऑक्सीजन देते हैं इस पर गौर करना बेहद जरूरी :- इस पर यूपी की स्टैंडिंग काउंसिल वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी से सीजेआई जस्टिस एसए बोबड़े ने कहाकि, जीवित पेड़ों का मूल्यांकन सिर्फ उनकी लकड़ी के मूल्य के आधार पर नहीं किया जा सकता है। पेड़ ऑक्सीजन देते हैं और उनके मूल्यांकन में इस तथ्य को ध्यान में रखा बेहद जरूरी है। पेड़ के शेष जीवन काल के लिए उसकी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता का मूल्यांकन जरूर किया जाना चाहिए।”
सड़क टेढ़ी क्यों नहीं रखी जाए? :- सीजेआई जस्टिस एसए बोबड़े ने सुझाव देते हुए कहा कि, पेड़ों को न काटने का एकमात्र प्रभाव जो होगा,वह संभवत यह है कि सड़कें सीधी नहीं बन सकती हैं पर पेड़ों को काटने के बजाय, सड़कों को जिग-जैग तरीके से बनाया जा सकता है, जो वाहनों की गति को भी कम करेगा और इससे दुर्घटनाएं भी कम होंगी।