अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। शिक्षक, छात्र, अभिभावक परेशान हैं। भावी पीढ़ी को अंधकार के गर्त में धकेला जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण मार्च से ही स्कूल-कॉलेज बंद हैं। स्कूली बच्चों को कोविड-19 से सबसे ज्यादा खतरा है। इसलिए शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने ऑनलाइन शिक्षा देने का तरीका खोज निकाला है। यह व्यवस्था कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्टफोन के बगैर चलने वाली नहीं है।
सपा सरकार ने भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर छात्र-छात्राओं को 18 लाख लैपटॉप बांटे थे। स्मार्टफोन देने का भी वादा था। भाजपा सरकार के आते ही यह योजना बंद कर दी गई। भाजपा वाले तब इनका मजाक उड़ाते थे, आज वही बुनियादी जरूरत बन गए हैं। सपा अध्यक्ष ने कहा, प्रदेश में बिजली की हालत दयनीय, नेट कनेक्शन है पर चाल सुस्त है। विद्यार्थियों के सामाजिक-आर्थिक स्तर में बहुत अंतर है, जिससे ऑनलाइन शिक्षा सबके लिए सुगम नहीं है। बहुत से शिक्षक भी ऑनलाइन शिक्षण में प्रशिक्षित नहीं हैं।