दालों के भाव में भी कोई कमी नजर नहीं आ रही है। सब्जियों और दलहन के दामों में रोजाना हो रही बढ़ोतरी से आम आदमी के माथे पर पसीना आ गया है। किसान कहता है कि उसको खेती से मुनाफा नहीं है, व्यापारी कहते हैं कि कोई फायदा नहीं हो रहा है। सरकार है कि उसका कहना आलू, टमाटर, प्याज सब कुछ का उत्पादन जबरदस्त हुआ है। तब सवाल है कि कीमतें इतनी तेज है और मुनाफा किसके पास जा रहा है।
टमाटर के भाव 80 रुपए किलो :- हरी सब्जियों में टमाटर, आलू और प्याज के दामों में रोज हो रही बढ़ोतरी ने आम आदमी की परेशानी बढ़ा दी है। सब्जी बाजार में टमाटर के भाव अब 80 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। पिछले महीने तक 30 रुपए तक बिकने वाली प्याज के दाम 40 45 रुपए तक पहुंच गए हैं। उसके बाद सब्जियों के राजा आलू के भाव दोगुने तक भाव बढ़ गए है। आलू 25 रुपए बिक रहा था, लेकिन 15 दिनों के भीतर आलू के बिक्री दामों में एकाएक उछाल आया और वह 45 रुपए से लेकर 50 रुपए में बिकने लगा।
कोरोना काल में सब्जियों के दामों में भारी उछाल :- कोरोना काल में सब्जियों के दामों में ऐसा उछाल आया है कि इस पर नियंत्रण करना प्रशासन के बस की बात नहीं रह गई है। ऐसा नहीं है कि आलू, प्याज और टमाटर के दाम ही बढ़े हैं। हरी सब्जियां भी आम आदमी की खरीद से दूर भाग रही हैं। परवल, बैगन 40 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव में बिक रही हैं। सब्जी मंडी में धनिया 100 रुपए किलो तो लहसुन 200 रुपए प्रति किलो के भाव में बिक रहा है। नेनुआ 35 रुपए, करैला और गोभी 45 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव है। और पालक के तो क्या कहने 80 रुपए किलो बाजार में सब्जी वाले बेच रहे हैं। इस संबंध में मंदी सभापति रामजीलाल ने बताया कि अगर गोदामों पर आलू डम्प किया जा रहा है तो छापेमारी कर कार्यवाही की जाएगी।