दोनों लोगों का एकमात्र लक्ष्य देश को स्वतंत्र कराना था। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने जहाँ स्वतंत्रता के लिये शिव जयंती और सामूहिक गणेश पूजा का प्रारम्भ किया वहीं गोपाल कृष्ण गोखले जनता को शिक्षित कर स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी का पक्ष रखते थे। उन्होंने कहा कि स्वराज प्राप्ति में हमारे महापुरूषों द्वारा किये गये पराक्रम और त्याग को स्मरण में रखना चाहिये।
राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति से मिले स्वराज के कारण आज हम विश्व के सबसे बड़े गणतंत्र के रूप में स्थापित हैं। वर्तमान में देश में लोक सभा के चुनाव हो रहे हैं। लोक सभा चुनाव के सात में से पांच चरण के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। राज्यपाल ने आह्वान किया कि जनतंत्र को सफल बनाने में शेष चरणों में देश एवं प्रदेश में जहाँ भी चुनाव होने है वहाँ के मतदाता अधिक से अधिक संख्या में स्वयं भी मतदान करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। लोकतंत्र में मत का बहुत महत्व है।
राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति से मिले स्वराज के कारण आज हम विश्व के सबसे बड़े गणतंत्र के रूप में स्थापित हैं। वर्तमान में देश में लोक सभा के चुनाव हो रहे हैं। लोक सभा चुनाव के सात में से पांच चरण के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं। राज्यपाल ने आह्वान किया कि जनतंत्र को सफल बनाने में शेष चरणों में देश एवं प्रदेश में जहाँ भी चुनाव होने है वहाँ के मतदाता अधिक से अधिक संख्या में स्वयं भी मतदान करें और दूसरों को भी प्रेरित करें। लोकतंत्र में मत का बहुत महत्व है।
रक्तदान, धनदान, नेत्रदान और देहदान जैसे अनेक दान समाज में प्रचलित हैं पर चुनाव के समय में मतदान महादान दान है। स्वयं भी मतदान करें और दूसरों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सेना के जवान देश की रक्षा करते हैं वैसे ही हमें भी लोकतंत्र की सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए।