हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, साल की 12 संक्रांतियों में मकर संक्रांति का सबसे महत्व ज्यादा है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में आते हैं। मकर संक्रांति से ही अच्छे दिन (देवताओं के दिन) शुरू हो जाते हैं, जो देवशयनी एकादशी से सुप्त हो जाते हैं। मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति को पश्चिम बंगाल में इसे पौष संक्रांति, तमिलनाडु में पोंगल, असम में बिहू और गुजरात में उत्तरायण के नाम से जाना जाता है।
मकर संक्रांति : 14 जनवरी 2018
मुहूर्त की अवधि : 3 घंटा 41 मिनट
पुण्य काल : रात 02:00 बजे से सुबह 05:41 तक
संक्रांति समय : रात 02:00 बजे
महापुण्य काल मुहूर्त : 02:00 बजे से 02:24 तक
मुहूर्त की अवधि : 23 मिनट
मकर संक्रांति पर दान का विशेष महत्व है। इस दिन तिल, खिचड़ी, गुड़, कंबल और घी के दान का महत्व है। लेकिन अगर यह दान राशि के हिसाब से किया जाये तो विशेष फल देने वाला होता है।
– मेष राशि वाले गुड़, मूंगफली दाने और तिल का दान करें
– वृषभ राशि वाले सफेद कपड़ा, दही और तिल का दान करें
– मिथुन राशि वाले मूंग दाल, चावल और कंबल का दान करें
– कर्क राशि वाले चावल, चांदी और सफेद तिल का दान करें
– सिंह राशि वाले तांबा, गेहूं और सोने के मोती का दान करें
– कन्या राशि वाले खिचड़ी, कंबल और हरे कपड़े का दान करें
– तुला राशि वाले सफेद डायमंड, शकर और कंबल का दान करें
– वृश्चिक राशि वाले मूंगा, लाल कपड़ा और तिल का दान करें
– धनु राशि वाले पीला कपड़ा, खड़ी हल्दी और सोने का मोती दान करें
– मकर राशि वाले काला कंबल, तेल और काली तिल दान करें
– कुंभ राशि वाले काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी और तिल दान करें
– मीन राशि वाले रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल और तिल दान करें