दरअसल, केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में शाहजहांपुर से बिजली के करंट से झुलसे एक व्यक्ति को लाया गया। इस दौरान जब मरीज के परिवारो वालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत रजिस्ट्रेशन और इलाज करने की बात कही, तो उस वक्त ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया। शाहजहांपुर से आए मरीज के तीमारदार के मुताबिक डॉक्टर ने उनसे प्रधानमंत्री मोदी से ही इलाज करवाने और पैसा लाने की बात कही। इस बात से गुस्साए मरीज के तीमारदार ने खुद ही ड्रेसिंग का सामान लेकर मरीज की ड्रेसिंग की।
पैसे देकर कराया इलाज मरीज के चाचा कमलेश के मुताबिक उसके पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड होने के बाद भी डॉक्टर ने इलाज करने से मना कर दिया। उनका आरोप है कि इलाज कर रहे डॉक्टर और पीआरओ राजेश सिंह ने कहा कि यहां मुफ्त इलाज नहीं होता है। जाओ पहले मोदी से पैसे लेकर आओ, तब इलाज करेंगे। आखिर मजबूरी में पैसा देकर इलाज कराया गया।
डॉक्टर के खिलाफ एक्शन इस मामले में डॉक्टर संतोष कुमार का कहना है कि लखनऊ में केजीएमयू पहला संस्थान है, जहां आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया गया। ऐसे में अगर इस तरह का कोई मामला है, तो उस डॉक्टर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।