बीकेटी थाना क्षेत्र के शिवपुरी गांव की बुजुर्ग महिला सरस्वती को दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता है। उसने बताया कि उसके लड़के इंद्रपाल की कानपुर में 24 दिसम्बर को मौत हो गई थी। जिस वजह से वह कानपुर गई थी। उनकी गैर मौजूदगी में मौके का फायदा उठाकर गांव के ही मन्ना यादव और उनके घर वालों ने प्रार्थिनी के मकान (इंदिरा आवास) का ताला तोड़कर उस पर कब्जा कर लिया और आवास में जो सामान रखा था उसे भी गायब कर दिया गया। पीडि़ता ने बताया कि जब वह लौटकर गांव पहुंची तो पता चला कि उसके मकान को ढहा दिया गया है। और उस जमीन को अपने में मिलाकर पक्का निर्माण कराया जा रहा है। महिला जब मौके पर पहुंची उसे मन्नालाल के घर की महिलाओं ने पहले धमकाया फिर कहा दस बीस हजार रुपये लेना हो तो ले लो वरना यहां दिखाई मत पडऩा। महिला अपनी बहन के घर पड़ोस के गांव बरगदी चली गई।
पीडि़त महिला ने आरोप लगाया वह नौ जनवरी को जब अपने रिश्तेदार रामजीवन और उसके लड़के अजय के साथ बीकेटी थाने घटना की शिकायत करने पहुंची तो उसकी कोई सुनवाई तो नहीं हुई। दोबारा थाने जाने पर उल्टे उसके रिश्तेदारों को ही पुलिस ने बंद कर दिया और शांतिभंग में कारवाई कर दी। ग्रामीणों के मुताबिक पूर्व प्रधान बाबूलाल के कार्यकाल में 1995 स्वरस्वती का आवास इंदिरा आवास योजना के तहत बना था। एक दिन पहले भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा द्वारा पीडि़त महिला की शिकायत बीकेटी की बीडीओ से की गई है। एसडीएम नवीन चंद्र ने बताया राजस्व कर्मियों की टीम भेजकर जांच कराई जायेगी। बीडीओ पूजा सिंह ने बताया महिला कि इंदिरा आवास कब मिला अभिलेख से चेक किया जायेगा सरकारी योजना के आवास को गिराना गलत है। जांच के आधार पर कारवाई की जायेगी।