ये भी पढ़ें- राजीव गांधी पर बयान को लेकर अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को दिया जवाब यब बात है खास करीब 26 साल बाद सपा और बसपा ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। वहीं इससे पहले दोनों पार्टियों का गठबंधन 1993 में यूपी के विधानसभा चुनाव के लिए हुआ था, हालांकि उस दौरान मायावती ने जिस सीट पर वोट डाला था उसपर बसपा का कैंडिडेट मैदान में था। फिर परिस्थितियां बदलीं और 1995 में गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों दल एक दूसरे के विरोधी हो गेए। वहीं अगला लोकसभा चुनाव 1996 में हुआ था और तब तक गठबंधन टूट चुका था। इस लिहाज 2019 का लोकसभा चुनाव पहला मौका, जब बसपा प्रमुख ने साइकिल को वोट दिया।
ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने फानी तूफान से पीड़ित ओडिशा राज्य को दी सबसे बड़ी राहत राशि वोट डालने के बाद मायावती ने कहा यह- मायावती ने वोट डालने के बाद मीडिया से बातचीत में मतदाताओं से वोट का सही इस्तेमाल करने की अपील करते हुए कहा कि लोग ज्यादा से ज्यादा तादाद में वोट करने जाएं।
यह लोग हैं लखनऊ से प्रत्याशी- आपको बता दें कि लखनऊ लोकसभा सीट पर भाजपा से राजनाथ सिंह सपा से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा व कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम मैदान में हैं।