एक और ट्वीट में बसपा प्रमुख ने कहा कि केन्द्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही माननीय कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है, उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार से पुनः मांग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे, जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।
मंगटा की घटना पर
कानपुर देहात के मंगटा में हुए जातीय संघर्ष पर मायावती ने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर व उनका बनाया संविधान उनके करोड़ों अनुयाइयों की रगों में बसता है। उनका किसी भी रूप में अपमान कतई बर्दाश्त नहीं। इसीलिए मंगटा, कानपुर देहात में उनके पोस्टर फाड़ने पर लोगों ने विरोध किया, जिनपर हुई जुल्म-ज्यादती अति-निन्दनीय है।
कानपुर देहात के मंगटा में हुए जातीय संघर्ष पर मायावती ने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर व उनका बनाया संविधान उनके करोड़ों अनुयाइयों की रगों में बसता है। उनका किसी भी रूप में अपमान कतई बर्दाश्त नहीं। इसीलिए मंगटा, कानपुर देहात में उनके पोस्टर फाड़ने पर लोगों ने विरोध किया, जिनपर हुई जुल्म-ज्यादती अति-निन्दनीय है।