scriptपहली बार देशी पालक से तैयार हुई गठिया के इलाज की दवा | medicine of osteoarthritis with help of speneshia olresi | Patrika News
लखनऊ

पहली बार देशी पालक से तैयार हुई गठिया के इलाज की दवा

गठिया यानि ओस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के लिए पालक से बनाई गई दवा अब मरीजों के लिए बाजार में है।

लखनऊMar 14, 2018 / 02:55 pm

Laxmi Narayan Sharma

cdri lucknow
लखनऊ. गठिया यानि ओस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के लिए पालक से बनाई गई दवा अब मरीजों के लिए बाजार में है। देशी पालक यानि स्पीनेशिया ऑलेरेसी से तैयार दवा को गुजरात की एक फार्मा कम्पनी ने तैयार किया है। इस दवा की खोज सीडीआरआई लखनऊ के वैज्ञानिकों की टीम ने की है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि गठिया के कार्टिलेज रिपेयर की यह पहली दवा है।
कार्टिलेज क्षरण को रोकेगी दवा

सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने ओस्टियोआर्थराइटिस में राहत देने के लिए पालक के विशेष आहार घटक युक्त एक न्यूट्रास्यूटिकल लॉन्च किया। साथ ही संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं की टीम एवं दवा कंपनी के सदस्यों को भी इस उत्पाद को जन सामान्य तक लाने के लिए बधाई दी। सीएसआईआर-सीडीआरआई ने ऑस्टियोआर्थराइटिस से बचाव एवं और कार्टिलेज के क्षरण की रोकथाम के लिए देशी पालक की पहचान कर एक नैनो फॉर्मुलेशन तैयार किया है।
दवा का नहीं है साइड इफेक्ट

सीडीआरआई के वैज्ञानिकों का दावा है कि इसके कोई साइड इफ़ेक्ट्स नहीं हैं। इसके साथ ही यह कोई विषाक्तता भी नहीं प्रदान करता है और नैनो फार्मुलेशन की वजह से कम मात्रा में भी प्रभावी होता है। यह नैनो फॉर्मूलेशन गुजरात की फार्मान्जा हर्बल प्राइवेट लिमिटेड को 31 जुलाई 2017 को लाइसेंस किया गया था। इसका विपणन उसकी सहयोगी कंपनी एरन लैब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड करेगी । लांचिंग के इस मौके पर एरन लैब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक डॉ संजीव अग्रवाल और शोधकर्ताओं की टीम मौजूद रही।
गठिया के इलाज की पहली दवा

जानकारों का कहना है कि वर्तमान में ऑस्टियोआर्थराइटिस का इलाज करने के लिए मुँह से ली जाने वाली कोई दवा उपलब्ध नहीं है। ओस्टियोआर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जो जोड़ों के मूवमेंट को प्रभावित करती है, जिसमें जोड़ों के उपर की चिकनी सतहें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं जो मुख्यतः कार्टिलेज की बनी होती हैं, जिसकी वजह से जोड़ों का मूवमेंट या हिलना डुलना कष्टप्रद हो जाता है। यह मुख्य रूप से वजन-सहने वाले जोड़ों को प्रभावित करता है जैसे कि कूल्हों और घुटनों के जोड़ और शारीरिक विकलांगता का कारण बनता है।
वर्तमान में नहीं है इलाज के लिए कोई दवा

पुरुष और महिला दोनों ही पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस से प्रभावित हैं। वर्तमान में बाजार में कोई दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। खासकर ऑस्टियोआर्थराइटिस से राहत एवं बचाव के लिए मुँह से ली जाने वाली दवा । इबुप्रोफेन और नैपोरोक्सन जैसी दर्दनाशक दवाओं भी सिर्फ इसके द्वितीयक लक्षणों जैसे दर्द के उपचार के लिए उपलब्ध हैं। दीर्घकालिक उपयोग पर
ये दवाएं भी लीवर और किडनी को हानि पहुंचा कर मरीजों की गैस्ट्रिक और कार्डियक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
देशी पालक में मिले विशेष घटक

सीआईएसआईआर-सीडीआरआई द्वारा अपने अनुसंधान द्वारा हड्डियों के जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए वैज्ञानिक रूप से पुष्टीकरण किए जाने के बाद देशी पालक के विशेष आहार घटक को अब फार्मान्ज़ा हर्बल प्राइवेट लिमिटेड के साथ लॉन्च किया गया है। इस दवा को वह अपने मार्केटिंग पार्टनर ऐरन लैब इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ बाज़ार में उतारेगी। पालक में पाए जाने वाले बुनियादी पोषक तत्वों के साथ नैनो फार्मुलेशन से बना यह न्यूट्रा्स्युटिकल, ऑस्टियोआर्थराइटिक जोड़ों के लिए बेहतर एवं स्वास्थ्यप्रद है। यह उत्पाद बाजार में मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध होगा और इसे ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।
इस टीम ने दिया शोध कार्य को अंजाम

सीडीआरआई की शोध टीम में डॉ रितु त्रिवेदी, डॉ प्रभात रंजन मिश्रा, डॉ राकेश मौर्य, डॉ एस.के. रथ, डॉ ब्रिजेश कुमार एवं डॉ पी.के. शुक्ला शामिल रहे। साथ ही शोध छात्र धर्मेंद्र चौधरी, प्रियंका कोठारी, आशीष त्रिपाठी, सुधीर, नरेश मित्तापेल्ली, कपिल देव , गीतु पांडे, नसीर अहमद एवं सुलेखा अधिकारी इस टीम में शामिल रहे। सहायक स्टाफ के रूप में एससी तिवारी और जीके नागर का भी इस शोध में सहयोग रहा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो