सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि दिल्ली में संविधान विरोधी नारे लगाये गये, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अब तक प्रमोशन में आरक्षण लागू नहीं किया गया। इस सरकार में मुस्लिमों-पिछड़ों और संविधान की धज्जियां उड़ा दी गयीं, जिसके चलते मैं आज भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे रही हूं। उन्होंने कहा कि मैं जब तक जिंदा रहूंगी बीजेपी में कभी वापस नहीं आऊंगी। सांसद ने कहा कि दलित होने की वजह से बीजेपी में मेरी हमेशा उपेक्षा हुई है और मेरी कभी कोई बात नहीं सुनी गई।
स्नातक तक पढ़ी-लिखी सावित्री बाई फुले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दलित महिला सांसद हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी शब्बीर अहमद को करीब एक लाख वोटों से हराकर सावित्री बाई फुले लोकसभा पहुंची थीं। इससे पहले 2012 के विधानसभा चुनाव में बलहा (सुरक्षित) सीट से जीती थीं। वर्ष 2000 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से निस्कासित कर दिया था, जिसके बाद वह बीजेपी में शामिल हुईं।