प्रदेश के सभी 800 विकास खंडों में स्थानीय आर्थिक गतिविधियों के आधार पर संचालित गृह व कुटीर उद्योगों की समस्याओं को चिन्हित करते हुए क्लस्टर अप्रोच के आधार पर योजना का संचालन किया जाएगा। कॉमन सुविधाओं से जुड़े कार्यों जैसे कच्चा माल बैंक, प्रशिक्षण केन्द्र, कॉमन प्रोडक्शन व प्रोसेसिंग सेंटर, तकनीकी अनुसंधान व विकास केन्द्र, पैकेजिंग, लेबलिंग, बारकोडिंग सुविधाएं व अन्य ऐसी स्थानीय स्तर पर चिन्हित कोमन गैप्स पर आधारित गतिविधियों के चित्र में महिला सामान्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। पहले चरण में 200 विकास खण्डों में महिला सामान्य सुविधा केन्द्र विकसित किए जाएंगे।
इस योजना के तहत द्विस्तरीय समितियों का गठन किया जाएगा। जनपदीय स्तर पर गठन होने वाली जिला स्तरीय समिति जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित होंगी। इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर राज्य स्तरीय संचालन समिति का गठन किया जाएगा। जिला स्तर पर गठित ये समिति जनपद स्तर पर पात्र महिला समूहों व संगठनों को चिन्हित करेगी। इसके साथ ही उनका मार्गदर्शन करेंगीं। इस योजना के तहत जिला स्तरीय समिति राज्य स्तरीय संचालन समिति के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश में महिलाओं को रोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करेंगीं।
प्रदेश की महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के तहत सॉफ्ट इन्टरवेन्शन के जरिए सामान्य जागरूकता, परामर्श कार्यक्रम, एक्सपोजर विजिट, सेमिनार, कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा। योजना के तहत प्रदेश के 200 विकास खंडों में महिला कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले इस सेंटर में प्रति कॉमन फैसिलिटी सेंटर में प्रदेश सरकार द्वारा 90 प्रतिशत का व्यय भार वहन किया जाएगा।