ये भी पढ़ें- यूपी आते ही बाहुबली के गुनाहों का हिसाब शुरू, योगी सरकार रद्द कराएगी विधानसभा सदस्यता काफिले में एंबुलेंस सहित 40 वाहन- जानकारी के अनुसार, मुख्तार अंसारी के काफिले में एंबुलेंस सहित 40 वाहन थे। सभी वाहनों के बेरोकटोक आने-जाने के लिए पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे पर खंदौली टोल प्लाजा के पास टोल गेट्स संख्या 8 और 9 को खोल रखा था। आगरा से एस्कॉर्ट खंदौली से इनर रिंग रोड पर वाहनों को लाया गया, जहां से वे लखनऊ एक्सप्रेसवे में दाखिल हुए। एसएसपी मुनिराज जी ने पुष्टि की कि आगरा के जिला सीमा के भीतर काफिले को एक पुलिस एस्कॉर्ट प्रदान की गई थी। काफिला आने से दो घंटे पहले पुलिस की टीमें लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे दोनों पर पहुंच गई थीं। उसके बाद खंदौली, एत्मादपुर, डौकी और फतेहाबाद की पुलिस टीमों ने काफिले को आगे बढ़ाया।
ये भी पढ़ें- मुख्तार अंसारी के बाहुबल को योगी सरकार कर चुकी है कमजोर, हुई हैं ताबड़तोड़ कार्रवाइयां काफिले के साथ यात्रा कर रहे गाजीपुर से मुख्तार अंसारी के रिश्तेदारों में से एक ने बताया कि मुख्तार को पंजाब से जिस एम्बुलेंस में लाया गया था, उसे मुख्तार के आने से पहले बड़े पैमाने पर चेक किया गया था। 60 पुलिसकर्मी, जिनमें से अधिकांश बुलेटप्रूफ निहित पहने थे, वह काफिले में थे। मुख्तार अंसारी मऊ जिले के मूल निवासी हैं और पांच बार जिले से विधायक रहे हैं। उन्होंने बसपा के टिकट पर संसदीय चुनाव भी लड़ा, लेकिन जीतने में असफल रहे। उनके खिलाफ यूपी में हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी को जबरन वसूली के मामले में जनवरी 2019 में रूपनगर जेल में रखा गया था।