लखनऊ

मुलायम-अखिलेश के खिलाफ CBI जांच को लेकर बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट से फिर बढ़ेगी मुसीबत

– मुलायम-अखिलेश (Mulayam-Akhilesh) के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति का मामला
– सीबीआई (CBI) के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में दी गई चुनौती
– विश्वनाथ चतुर्वेदी का आरोप सीबीआई (CBI) ने सबूतों को दबाते हुए दी जांच रिपोर्ट

लखनऊAug 13, 2019 / 11:47 am

नितिन श्रीवास्तव

मुलायम-अखिलेश के खिलाफ CBI जांच को लेकर बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट से फिर बढ़ेगी मुसीबत

लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) (Samajwadi Party) के संरक्षक नेताजी मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में सीबीआई (CBI) के उस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में चुनौती दी गई है जिसमें जांच बंद करने की सिफारिश की गई थी। पेशे से वकील विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सीबीआई ने सबूतों को दबाते हुए मुलायम परिवार (Mulayam Family) के खिलाफ आपराधिक मामला नहीं दर्ज करने में मदद की।

सीबीआई ने पेश किया गलत बयान

विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि सीबीआई (CBI) ने इसी साल मई में CBI ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल करते हुए बताया था कि उसे मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले। इसलिए उसने सात अगस्त 2013 को दोनों के खिलाफ चल रही जांच को बंद कर दिया। याचिका में यह भी कहा गया है कि सीबीआई (CBI) ने यह भी दावा किया कि उसने सीवीसी (CVC) को अक्टूबर 2013 (October 2013) में इस मामले की रिपोर्ट भी सौंपी है। जबकि विश्वनाथ चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसकी आरटीआई (RTI) याचिका का जवाब देते हुए सीवीसी (CVC) ने पांच जुलाई को साफ किया था कि ऐसी कोई रिपोर्ट सीबीआई (CBI) की तरफ से नहीं मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट में गलत बयान पेश किया है और सीबीआई जांच (CBI Investigation) को कानूनन गलत ठहराया है।
 

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गैरकानूनी ढंग से इकट्ठा की 100 करोड़ की संपत्ति

याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी (Advocate Vishwanath Chaturvedi) ने सुप्रीम कोर्ट (SC) से मांग की है कि सीबीआई को सही जांच रिपोर्ट पेश करने के लिये कहा जाये। साथ ही 2007 और 2013 के आदेश के बाद उठाए गए कदम के बारे में भी जानकारी मांगी जाये। याचिका में चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि 1999 से 2005 के बीच मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने यूपी का मुख्यमंत्री (UP CM) रहते हुए गैरकानूनी ढंग से 100 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की है। इसके साथ ही CBI ने मुलायम, अखिलेश और डिंपल से जुड़ी इस जांच में जरूरत से ज्यादा समय लिया।
 

जांच सीबीआई से कराने की मांग

आपको बता दें कि याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने साल 2005 में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और डिंपल यादव (Dimple Yadav) के खिलाफ Supreme Court में याचिका दायर कर आय से अधिक मामले में सीबीआई जांच (CBI Investigation) कराने की मांग की थी। जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 2007 में सीबीआई को भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत यादव परिवार (Yadav Family) के खिलाफ जांच करने और रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। इस पर मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसे दिसंबर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर सीबीआई (CBI) को जांच की जिम्मेदारी दी थी।
 

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