कहा जा रहा है कि मुलयम सिंह यादव अपनी प्रेस कॉन्फेंस में एक पत्र पढऩे जा रहे थे, जिसे कथित तौर पर पूरी तौर से उनके भाई शिवपाल सिंह यादव के इशारे पर तैयार कराया गया था। उस पत्र में मुलायम सिंह ने लिखा था कि वे समाजवादी पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष की उपेक्षापूर्ण रवैये से काफी नाराज हैं, इसलिए नई पार्टी के गठन की घोषणा करने जा रहे हैं। हालांकि, ऐन कार्यक्रम के वक्त मुलायम ने यह पत्र पढऩे से इनकार कर दिया। यहां तक कि प्रेस कॉन्फेंस के साथ उन्हे वह पत्र दोबारा पकड़ाया गया था, जिसे लेने से उन्होंने इनकार कर दिया और बगल में बैठे सपा के पूर्व विधायक शारदा प्रताप शुक्ल को सौंप दिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम सिंह यादव अपने बेटे को धोखेबाज तो बताते रहे, पर यह भी कहने से नहीं चूके कि बाप बेटे में झगड़े और मन मुटाव तो होता ही रहता है। कभी मैं उसे माफ भी कर सकता हूंं। मैं समाजवादी हूूं और रहूंगा। इधर नाराज शिवपाल समर्थक पहले तो शिवपाल के गुणगान में नारे लगा रहे थे, लेकिन मुलायम सिंह यादव का रूख देखकर बोले- जो नेताजी कहेंगे हम वही करेंगे। इसके बाद शिवपाल सिंह यादव ने लोहिया ट्रस्ट पर बैठक बुलाई और यह संदेश आया कि वे प्रेस को संबोधित करेंगे। पर वह भी बाद में निरस्त हो गया। वे अपने घर में रहे और मीडिया से दूरी बनाए रहे।