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लखनऊ

Muzaffarnagar: वरुण गांधी के किसान प्रेम के क्या हैं मायने, जयंत क्या बढ़ा पाएंगे रालोद की ताकत, पढ़ें ये खबर

Muzaffarnagar Mahapanchayat. पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने ट्वीट कर किसानों के समर्थन में अपना बयान दिया, जिसे जाहिर तौर भाजपा (BJP) के ही कुछ नेताओं ने नापसंद किया। लेकिन विपक्ष से उन्हें तारीफें मिलीं।

लखनऊSep 05, 2021 / 07:44 pm

Abhishek Gupta

Varun Gandhi Jayant Chaudhary

Varun Gandhi Jayant Chaudhary

लखनऊ. Muzaffarnagar Mahapanchayat. मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को विपक्ष का तो समर्थन मिला ही, पहली बार भाजपा के खेमे से भी किसानों के पक्ष में आवाज उठी। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने ट्वीट कर किसानों के समर्थन में अपना बयान दिया, जिसे जाहिर तौर भाजपा (BJP) के ही कुछ नेताओं ने नापसंद किया। लेकिन विपक्ष से उन्हें तारीफें मिलीं। आरएलडी (राष्ट्रीय लोक दल) (RLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) उनमें से एक रहे। सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में जो लाखों किसान जुटे हैं, वे हमारा ही खून हैं। हमें सम्मानजनक तरीके से उनके साथ फिर से जुड़ना चाहिए और उनका दर्द समझना चाहिए। उनका नजरिया देखकर जमीन तक पहुंचना चाहिए। सांसद ने इसके साथ एक वीडियो भी ट्वीट किया, जो महापंचायत का ही बताया जा रहा है। सियासी गलियारों में वरुण के इस किसान प्रेम के मायने निकाले जाने शुरू हो गए हैं।
वरुण के बयान के क्या है मायने-
यह पहली बार नहीं जब वरुण ने पार्टी लाइन से हटकर ऐसे बयान दिए हों। वरुण ने इससे पहले एसडीएम करनाल के किसानों का सिर फोड़ने वाले आदेश की आलोचना भी की थी। इससे एक बात तो साफ है कि वरुण किसानों व उनकी मांगों के समर्थन में हैं। उनका यह बयान काफी मायने रखता है। दरअसल भाजपा कृषि कानून के समर्थन में हैं। पार्टी इसी लाइन पर चलकर सार्वजनिक मंचों से इसे सही ठहराती आ रही है व कानून के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को प्रयोजित बता रही है। लेकिन किसान संगठन इसके विरोध में हैं, अपनी मांगों पर अडिग है और कानून की वापसी की मांग कर रहे हैं। वरुण गांधी के किसानों के समर्थन में बयान से स्पष्ट है कि उनका स्टैंड किसानों के हित में ही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2022 चुनाव से पहले भाजपा के ही सांसद का ऐसा बयान कही पार्टी को भारी न पड़ जाए, क्योंकि कृषि कानून व उसके खिलाफ जारी किसान आंदोलन चुनाव में बड़ा मुद्दा माना जा रहा है।
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जयंत ने किया समर्थन-
वरुण गांधी के स्टैंड को जयंत चौधरी का भी समर्थन मिला है। उन्होंने खुर्जा से भाजपा विधायक विजेंद्र सिंह के उस बयान को आलोचना की है, जिसमें उन्होंने वरुण को किसान और राष्ट्र विरोधी तत्वों में फर्क समझने की सलाह दी थी। जयंत ट्वीट कर रहा कि वरुण भाई ने जो भी कहा मैं उसका स्वागत करता हूं, लेकिन खुर्जा से भाजपा विधायक जो कह रहे हैं उसे भी देखिए। गंभीर जांच की आवश्यकता है। कम से कम विजेंद्र को अपनी आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए। या फिर वह जो बयान दे रहे हैं उसे अपनी किसी विधानसभा में जाकर लोगों के बीच ही दोहरा दें।’ हालांकि विजेंद्र ने अपने ट्वीट को बाद में हटा दिया था।
पिता अजित सिंह के निधन के बाद जयंत चौधरी राजनीति में खूब सक्रिय हो और पार्टी को मजबूत करने में लगे है। किसान आंदोलन का समर्थन कर वह पार्टी की मूल विचारधारा को चल रोलाद को ताकत देने के प्रयास में लगे हैं। रालोद हमेशा से किसानों की पार्टी के रूप में जानी जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री व जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण सिंह किसानों के बड़े नेता रहे हैं और पार्टी उन्हीं के आदर्शों पर चलती आ रही हैं। किसानों का समर्थन कर जयंत सोच के साथ लोगों के बीच अपनी जगह बना रहे हैं।

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