यह पहली बार नहीं जब वरुण ने पार्टी लाइन से हटकर ऐसे बयान दिए हों। वरुण ने इससे पहले एसडीएम करनाल के किसानों का सिर फोड़ने वाले आदेश की आलोचना भी की थी। इससे एक बात तो साफ है कि वरुण किसानों व उनकी मांगों के समर्थन में हैं। उनका यह बयान काफी मायने रखता है। दरअसल भाजपा कृषि कानून के समर्थन में हैं। पार्टी इसी लाइन पर चलकर सार्वजनिक मंचों से इसे सही ठहराती आ रही है व कानून के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को प्रयोजित बता रही है। लेकिन किसान संगठन इसके विरोध में हैं, अपनी मांगों पर अडिग है और कानून की वापसी की मांग कर रहे हैं। वरुण गांधी के किसानों के समर्थन में बयान से स्पष्ट है कि उनका स्टैंड किसानों के हित में ही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2022 चुनाव से पहले भाजपा के ही सांसद का ऐसा बयान कही पार्टी को भारी न पड़ जाए, क्योंकि कृषि कानून व उसके खिलाफ जारी किसान आंदोलन चुनाव में बड़ा मुद्दा माना जा रहा है।
वरुण गांधी के स्टैंड को जयंत चौधरी का भी समर्थन मिला है। उन्होंने खुर्जा से भाजपा विधायक विजेंद्र सिंह के उस बयान को आलोचना की है, जिसमें उन्होंने वरुण को किसान और राष्ट्र विरोधी तत्वों में फर्क समझने की सलाह दी थी। जयंत ट्वीट कर रहा कि वरुण भाई ने जो भी कहा मैं उसका स्वागत करता हूं, लेकिन खुर्जा से भाजपा विधायक जो कह रहे हैं उसे भी देखिए। गंभीर जांच की आवश्यकता है। कम से कम विजेंद्र को अपनी आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए। या फिर वह जो बयान दे रहे हैं उसे अपनी किसी विधानसभा में जाकर लोगों के बीच ही दोहरा दें।’ हालांकि विजेंद्र ने अपने ट्वीट को बाद में हटा दिया था।