यह भी पढ़ें… यूपी नगर निगम चुनाव की घोषणा, पहले चरण का मतदान 22 को एसके अग्रवाल ने बताया कि वोटिंग सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगी। आदर्श आचार संहिता आज से होगी लागू कर दी गई है। वोटों की गिनती एक दिसंबर को होगी। उन्होंने बताया कि इस बार कुल 3.32 करोड़ मतदाता नगर निकाय चुनाव में मतदान करेंगे। चुनावों के लिए 36,289 बूथ और 11,389 पोलिंग सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ३२ दिनों में निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अग्रवाल ने बताया कि निकाय चुनाव की सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। चुनाव को लेकर प्रदेश के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें हो चुकी हैं।
यह भी पढ़ें… राष्ट्रपति की भाभी और पुत्रवधू ने नगर पालिका परिषद चुनाव के लिए जताई दावेदारी पहले चरण के मतदान में कुल 25 जिले राज्य निर्वाचन आयुक्त एस के अग्रवाल ने प्रेसवार्ता में बताया कि 22 नवंबर को पहले चरण के मतदान के तहत कुल 25 जिलों के 5 नगर निगम, 71 नगर पालिका और 154 नगर पंचायत में मतदान होंगे। दूसरे चरण के तहत 25 जिलों के 6 नगर निगम, 51 नगर पालिका और 132 नगर पंचायत के मतदान होंगे। वहीं तीसरे चरण के तहत 26 जिलों के 5 नगर निगमों, 76 नगर पालिका और 152 नगर पंचायत में चुनाव होंगे।
प्रत्याशियों की खर्च सीमा में बढ़ोतरी राज्य निर्वाचन आयोग के कमिश्नर एसके अग्रवाल मुताबिक लखनऊ और कानपुर में 12.5 लाख से बढ़ाकर खर्च की सीमा 25 और बाकी नगर निगमों में 20 लाख रुपए कर दी गई है। वहीं पार्षद के लिए खर्च की सीमा बढाकर एक लाख से 2 लाख रुपए कर दी गई है। 41 से अधिक वार्ड वाली नगर पालिका में चेयरमैन 4 लाख के बजाय 8 लाख रुपए खर्च कर सकेगा। 40 वार्ड तक यह सीमा छह लाख रुपए होगी। वार्ड सदस्य के लिए सीमा 40 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख कर दी गई है।
यह भी पढ़ें… बसपा को फिर लगा झटका, इन दिग्गज पूर्व विधायकों ने छोड़ी पार्टी अति संवेदनशील बूथ की वेब कास्टिंग एसके अग्रवाल ने बताया कि चुनावों के दौरान अति संवेदशील बूथों की वेब कास्टिंग की जाएगी। चुनाव राज्य पुलिस से ही कराया जाएगा। केंद्रीय बल का उपयोग नहीं किया जाएगा।
प्रमोशन और तबदलों पर रोक राज्य निर्वाचन आयुक्त एस के अग्रवाल के मुताबिक अधिसूचना जारी होने के साथ ही अब राजस्व, पुलिस और नगर विकास में ट्रांसफर, नियुक्ति और प्रमोशन पर चुनाव भर रोक रहेगी। चुनाव डयूटी में लगे कर्मचारियों का तबादला नहीं हो सकेगा। साथ ही चुनाव पूरा होने तक डीएम और एसएसपी के बिना आयोग की अनुमति के जिला नहीं छोड़ेंगे। ट्रेनिंग की भी छूट नहीं मिलेगी।