जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. अम्बुज सिंह ने बताया कि यह अभियान 15 दिन चलेग। 10-12 वर्ष की लड़की सपना की भूमिका निभाएगी जो कुष्ठ रोग के बारे में लोगों को बताएगी। अभियान के तहत रविवार को आयोजित होने वाले आरोग्य स्वास्थ्य मेले में कुष्ठ जागरूकता पर जादू के खेल का आयोजन होगा। पोस्टर, हैन्डबिल द्वारा क्षेत्र में कुष्ठ रोग से बचाव के बारे में प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर मल्टी मीडिया के माध्यम से कुष्ठ रोग से सम्बंधित तीन लघु फिल्में दिखायी जायेंगी।
इस वर्ष कोरोना के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जिला अधिकारी एवं ग्राम प्रधान की अपील को कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है और जो भी गतिविधियां सम्पादित की जाएंगी वह कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए की जायेंगी।
जिले में इस वक्त कुष्ठ के 149 रोगी हैं । दिसम्बर में कुष्ठ रोग के 5 मरीज खोजे गये एवं 25 मरीजों को उपचार द्वारा रोग मुक्त किया गया। वर्तमान में जिले में रोग की प्रसार दर दशमलव 25 प्रति दस हजार जनसंख्या है और दिव्यांगता दर दशमलव 72 प्रति 10 लाख जनसंख्या है। उन गांवों में जहां 3 साल से कोई भी कुष्ठ रोगी नहीं मिला है, उन्हें छोड़कर सभी गांवों में घर-घर जाकर अभियान चलाया जायेगा।
जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ. शोमित सिंह ने बताया-अगर पंजे और उंगलियों में कमजोरी, आंख बंद करने में परेशानी, शरीर में सुन्नपन, दाग, दाग में लालपन या सूजन, तंत्रिकाओं में मोटापन एवं झनझनाहट तथा लेप्रा रिएक्शन जैसे कोई भी या चिन्ह शरीर में दिखाई दें तो तुरंत ही जांच कराएं।