कोरोना संक्रमण से पहले ही सरकार ने बुनकरों के फिक्स चार्ज को खत्म करते हुए दिसंबर 2019 में ही छोटे और बड़े पावरलूमों को बिजली दरों में छूट देने का फैसला लिया था। इसका लाभ उन्हें हाॅर्सपावर के आधार पर एक जनवरी 2020 से देने का फैसला किया गया था। देश में कोरोना संक्रमण फैलने और लाॅक डाउन लग जाने के बाद काम बंद हो जाने से बुनकरों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।
बुनकरों ने 1 जनवरी 2020 से लागू की गई बिजली की नई दरों का विरोध करते हुए प्रदेशव्यापी हड़ताल की थी। वाराणसी, गोरखपुर, मऊ, मेरठ, मुरादाबाद आदि शहरों के बुनकरों ने इस संबंध में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री से मिलकर इस नई दरों को एक जनवरी से लागू न किये जाने की मांग की थी। छूट की सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव पर पावर कार्पोरेशन ने कहा था कि नई और पुरानी दरों के बीच की डिफरेंस धनराशि का भुगतान हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को अतिरिक्त रूप से करना होगा।