वित्तीय संसाधनों से चुकाना होगा मूल्य मुफ्त बिजली के नाम पर मिलने वाली सब्सिडी की योजना को खत्म करने पर विचार किया जाना है। मंत्री ने कहा कि अगर सरकार अपने नागरिकों को मुफ्त बिजली देना चाहती है, तो उन्हें इसका मूल्य अपने वित्तीय संसाधनों से चुकाना होगा या फिर अपने बजट में अलग से प्रावधान लाना होगा।
सब्सिडी से बचेगा पैसा डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर यानी मतदाताओं के खाते में सीधे सब्सिडी का पैसा भेजा जाएगा। इससे नागरिक अपने उपभोग के हिसाब से बिजली बिल चुका सकेंगे लेकिन राज्य सरकार की ओर से भेजे गए पैसों में वे इसका भुगतान भी कर सकेंगे। जिनका बिजली बिल कम आएगा, वे डायरेक्ट सब्सिडी से कुछ पैसा भी बचा सकेंगे। इससे नागरिक बिजली बचत को लेकर जिम्मेदार बनेंगे।