ऑल इण्डिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने बताया कि मोदी से मुलाक़ात की. इस मुलाक़ात का मकसद यह था की मुस्लिम महिलाओं द्वारा समय समय पर निकाहनामे में बदलाव की मांग थी. जिस पर काफी समय से नए निकाहनामे का प्रारूप तैयार कर लिया गया था. मगर इस नए शरई निकाहनामे को लागू कराने में पिछली केंद्र सरकारें असफल रही हैं. अब इस निकाहनामें को मोदी सरकार द्वारा लागू कराने की उम्मीद की जा रही है. शाइस्ता अंबर ने बताया कि जब उन्होंने पीएम मोदी से निकाहनामे में होने वाले बदलाव को लेकर प्रारूप पेश किया तो उन्होंने इसमें सहमति दिखाई।
आधार से जुड़ेगा निखानामा
आने वाले समय में देश में नए शरई निकाहनामे को लागू किया जा सकता है. पीएम मोदी नए निकाहनामे के प्रारूप से काफी खुश दिखे। नए निकाहनामे में लड़के और लड़की का आधार नंबर जुड़ेगा। इससे लड़कियों के साथ होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने का प्रयास किया जाएगा। ऑल इण्डिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाहनामे को कई भाषाओं में तैयार करवाया है जिससे किसी को भाषा सम्बन्धी परेशानी ना हो.
महिलाएं तलाक के बाद खुद को संभाल सकें इसके लिए उनको रोज़गार की ज़रूरत होती है. मुस्लिम समाज में महिलाओं की अशिक्षा दर अधिक है जिसकी वजह से नौकरी मिलना भी मुश्किल होती है. ऐसे में सरकार कोई ऐसी पहल करे जिससे महिलाओं को रोज़गार का अवसर मिल सके.
अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक देश में यूपी की मुस्लिम महिलाएं ज्यादा प्रताड़ित हो रही हैं. चाहे तीन तलाक हो या फिर पारिवारिक कलह में शोषण। ऐसे में पीएम मोदी ने आश्वासन दिया है कि वह उत्तर प्रदेश की मुस्लिम महिलाओं सुधारने के लिए पहल करेंगे। साइस्ता अंबर ने तीन तलाक मुद्दे पर प्रधानमंत्री से चर्चा की जिसमें पीएम ने आश्वासन दिया कि तीन तालक में सुप्रीम कोर्ट का फैसला महिलाओं के हित में ही होगा।