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लखनऊ

पवन जल्लाद ने फांसी देने से पहले सुनाया अपना फैसला, बताया सबसे पहले करूंगा ये काम

मेरठ जेल के जल्लाद पवन ने निर्भया कांड के चारों दोषियों को अपने हाथों से फांसी देने की इच्छा जाहिर की है

लखनऊDec 13, 2019 / 11:30 am

Ruchi Sharma

पवन जल्लाद ने फांसी देने से पहले सुनाया अपना फैसला, बताया सबसे पहले करूंगा ये काम

पवन जल्लाद ने फांसी देने से पहले सुनाया अपना फैसला, बताया सबसे पहले करूंगा ये काम

लखनऊ. निर्भया केस के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए पवन जल्लाद को चुन लिया गया है। मेरठ जेल के जल्लाद पवन ने निर्भया कांड के चारों दोषियों को अपने हाथों से फांसी देने की इच्छा जाहिर की है। पवन का कहना है कि वह दिल्ली समेत पूरे देश को झकझोर देने वाले इस सामूहिक दुष्कर्म कांड के दोषियों को फांसी देना चाहता है। पवन जल्लाद की खासियत यह है कि वह किसी भी गुनहगारों को फांसी पर लटकाने से पहले मां काली की पूजा करते हैं। उसके बाद ही गुनहगारों को सजा देते है। पवन कहते हैं कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाने से बड़ा काम उसके जीवन में कोई दूसरा नहीं हो सकता। वो इस बात पर जीवन भर फक्र महसूस करेगा कि उसने ऐसे दानवों को फांसी पर लटकाया था। गुनहगारों को फांसी में लटकाने वाले पवन जितना कठोर काम करते है उतना ही ने स्वभाव में विनम्र है। वो रोजाना काली मां की आराधना कर घर से निकलता है. मेरठ की कांशीराम आवासीय कॉलोनी में पवन जल्लाद का परिवार एक कमरे के मकान में रहता हैय़ जिस घर में पवन जल्लाद रहता है उसमें चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं। पवन बताते हैं उनके दादा ने रंगा-बिल्ला को फांसी दी थी। उनका परिवार चार पीढ़ियों से फांसी देता आ रहा है.

पवन ने बताया कि फांसी देने से पहले फांसीघर पहुंच कर ट्रायल करना होता है। इसमें लीवर आदि सब चेक किए जाते हैं, जिसे फांसी देनी होती है। उसके वजन के बराबर बोरे में रेत आदि भरकर फांसी के फंदे पर लटका कर जांच की जाती है। जिस रस्सी से फंदा बनाया जाता है, उसके भी सब कुछ जांचा-परखा जाता है। पवन कहते हैं कि जब फांसी दी जाती है तो दोषी के हाथ-पैर बांध दिए जाते हैं, उसके मुंह पर काला कपड़ा डाल दिया जाता है। इसके बाद जेलर के इशारे पर फांसी देने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। पवन को सरकार की ओर से पांच हजार रुपये महीना मिलता है। इसमें उसके परिवार का खर्च नहीं चलता। दिन में वह कहीं मेहनत-मजदूरी करता है या फिर कपड़ों की फेरी लगाकर उन्हें बेचता है।

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