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लखनऊ

शौचालय,सचिवालय,स्कूल के बाद अब लोकतंत्र सेनानियों का परिचयपत्र भी भगवा

सपा-भाजपा में शुरू हुई रार… शौचालय,सचिवालय,स्कूल के बाद अब लोकतंत्र सेनानियों का परिचयपत्र भी भगवा

लखनऊFeb 05, 2018 / 02:21 pm

Prashant Srivastava

saffron
लखनऊ. भगवा और योगी सरकार का चोली दामन का साथ है। जब से योगी सरकार सत्तारूढ़ हुई है तब से भगवाकरण का दौर जारी है। इसको लेकर समय-समय पर विवाद होते रहे हैं। योगी सरकार ने कभी प्राइमरी स्कूलों की दीवारों का रंग भगवा किया तो कभी हज हाउस को। लखनऊ में मुख्यमंत्री सचिवालय को भगवा रंग में रंग दिया गया। इटावा में तो सरकारी योजना में बने शौचालय को भी भगवा में रंग दिया गया था। अब इस नई कड़ी में लोकतंत्र सेनानियों का परिचय पत्र भी भगवा कर दिया गया है। लोकतंत्र सेनानियों के आईडेंटी कार्ड को भगवा रंग में रंगने का विरोध शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी से जुड़े लोकतंत्र सेनानियों का कहना है कि परिचय पत्र का रंग बदलना ठीक नहीं है। यह लोकतंत्र का अपमान है।
छह हजार लोकतंत्र सेनानी हैं यूपी में

उत्तर प्रदेश सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों के परिचय पत्र का रंग भगवा कर दिया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 6000 लोकतंत्र सेनानी है, जिसमें इलाहाबाद सर्वाधिक इलाहाबाद में 125 लोग हैं। लखनऊ में इनकी संख्या १०० से ज्यादा है। इसके बाद बलिया,वाराणसी और रायबरेली में भी बड़ी संख्या में लोकतंत्र सेनानी हैं।
कौन हैं लोकतंत्र सेनानी

देश में इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद रहे लोगों को 2005 में सूबे की मुलायम सिंह यादव सरकार ने लोकतंत्र सेनानी घोषित किया था। तब इन्हें 500 रुपए की सहायता राशि के साथ उनका गहरे लाल रंग का परिचय पत्र जारी किया गया था। अब लाल रंग के परिचय पत्र को योगी सरकार ने भगवा रंग का कर दिया है।
सेनानी बोले, यह सही नहीं लोकतंत्र सेनानी के सदस्य रहे रवि मेहरोत्रा और केके श्रीवास्तव का कहना है कि इमरजेंसी में समाजवादी विचारधारा के साथ जेल गये लोगों का भगवाकरण किया जा रहा है, यह सही नहीं है। जब सरकार कोई नई सुविधा नहीं दे रही है तो आखिर नए कार्ड क्यों बनाए जा रहे हैं और कार्ड का रंग क्यों बदला जा रहा है।
राज्य सरकार भरवा रही नयी फार्म

भगवाकरण के कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और कार्ड जल्द ही एक कार्यक्रम के माध्यम से वितरित किये जायेंगे। बता दें कि कुछ दिन पहले ही सभी लोकतंत्र रक्षक सेनानियों से 4 फोटो पहचान पत्र की प्रति मांगी गई थी जिसके बाद राज्य स्तर पर नंबरिंग तथा कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरु की गई थी। प्रदेश के सभी जिलों को भगवा रंग के परिचय पत्रों का प्रारूप भेजा गया था जिसमें लोकतंत्र रक्षक सेनानियों का पूरा ब्यौरा भरकर व रंगीन फोटो लगाकर लखनऊ भेजा गया है।
प्रशासन ने कहा सुविधा बढ़ेगी

इस बाबत जब प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि लोकतंत्र सेनानियों के परिचय पत्र पहले जिला स्तर पर बनाए जाते थे लेकिन अब यह प्रदेश स्तर पर बनेंगे क्योंकि लोकतंत्र सेनानियों की सुविधाएं भी बढ़ाई जानी है। फिलहाल जो प्रारूप उपलब्ध कराया गया था उसके अनुसार लोकतंत्र सेनानियों की जानकारी व फोटो भेज दी गई है। अब नए आई कार्ड जारी होंगे और वह सेनानियों को वितरित किए जाएंगे ।
15 हजार मिलती है पेंशन

2005 में जब मुलायम सिंह सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों को सुविधा का ऐलान किया था तब उन्हें 500 मासिक सहायता मिलती थी। बाद में यह सहायता राशि ३000 कर दी गई। अखिलेश यादव जब सूबे की सत्ता में आए तो उन्होंने इस राशि को बढ़ा कर सीधे 15000 कर दिया। सहायता राशि के साथ लोकतंत्र सेनानियों को एक सहयोगी के साथ परिवहन निगम की बसों से निशुल्क यात्रा करने की सुविधा भी मिली हुई है।

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