निधि से होगी जीएसटी की भरपाई पार्षदों के लिए वार्ड विकास निधि 95 लाख रुपये है। यह राशि पहले 85 लाख रुपये थी। जीएसटी लगने के बाद यह 106 करोड़ रुपये पहुंच गयी है। बढ़ी हुई धनराशि की भरपाई नगर आयुक्त के अधिकार से की गई है। वार्ड विकास निधि के लिए पार्षदों को 27-27 लाख रुपये दिए गए हैं। शेष धनराशि 41 लाख रुपये भी पास किया जाना है, जो कि 20 व 21 लाख रुपये की दो किस्तों में जारी होगी। इसके बाद तीसरी किस्त 10 लाख रुपये की होगी, जिसमें आदर्श मोहल्ला का विकास कार्य किया जाएगा।
बजट में तय होगा कहां खर्च होगी मेयर निधि नगर निगम कार्यकारिणी समिती की बैठक होनी है, जिसमें पुनरीक्षित बजट पेश किया जाएगा। इस बजट के अंतर्गत ही विकास कार्य की धनराशि को शामिल किया गया है। सिर्फ मदों में फेरबदल किया गया है।
गौरतलब है कि शहर में विकास कार्य कराने के लिए अन्य मंत्रियों व विधायकों का भी दबाव बना है। इस सिलिसले में नगर आयुक्त को प्रस्तावों पर विकास कार्यों पर काम करना पड़ रहा है। यह कार्य नगर आयुक्त के अधिकार से कराए जाते हैं। पुनरिक्षित बजट में इस अधिकार को खत्म कर पहली बार मेयर निधि का गठन किया जा रहा है। इसमें महापौर को दस करोड़ रुपये का अधिकार है। इसका मतलब माननीयों के प्रस्तावों पर उन्हीं के निधि से विकास कार्य कराया जाएगा।