scriptड्रेगन को चुनौतीः हिंद महासागर में तीसरे विदेशी बंदरगाह का विकास करेगा भारत | Challenge to the Dragon: India will develop the third foreign port in the Indian Ocean | Patrika News
राष्ट्रीय

ड्रेगन को चुनौतीः हिंद महासागर में तीसरे विदेशी बंदरगाह का विकास करेगा भारत

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए अब भारत ने अब चीन के दरवाजे पर भी बंदरगाह विकास की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

नई दिल्लीMay 05, 2024 / 11:55 am

Shaitan Prajapat

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए अब भारत ने अब चीन के दरवाजे पर भी बंदरगाह विकास की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर के कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, भारत के सबसे बड़े बंदरगाह ऑपरेटर अडानी पोर्ट्स ने अपनी बंदरगाह विकास योजना के लिए फिलीपींस के बाटन बंदरगाह को 25 साल के लिए लीज पर लेने की योजना पेश की है। भारत और भारत की कंपनियों की ओर से एक महीने से भी कम समय में हिंद महासागर में यह तीसरे बंदरगाह को विकसित करने की योजना पर आगे बढ़ने की दिशा में कदम है। इसी हफ्ते श्रीलंकाई मंत्रिमंडल ने भी अपने उत्तरी प्रांत में कांकेसंथुराई बंदरगाह के नवीनीकरण का निर्णय लिया है, इस परियोजना की पूरी लागत भारत ने वहन करने पर सहमति जताई है।

प्रोजेक्ट की लागत करीब 5 करोड़

इस प्रोजेक्ट पर लगभग 5 अरब रुपए की लागत आंकी गई है। लंबे समय से इस प्रोजेक्ट पर विचार-विमर्श लंबित था। इसके पहले भारत ने मार्च में ही म्यांमार के सिटवे में बंदरगाह में ऑपरेशन का सौ फीसदी अधिकार हासिल किया था। फिलीपींस और अडानी पोर्ट की आरंभिक योजना बाटन में 25 मीटर गहरा बंदरगाह विकसित करने की है, जिसमें पैनामैक्स (पनामा नहर से गुजर सकने वाले) जहाज़ों को रखा जा सके। एक सप्ताह से कम समय में हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में भारत की ओर से किया गया दूसरा प्रयास है।

फिलीपींस को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मिलेगी मददः राष्ट्रपति

फिलीपींस के राष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि, राष्ट्रपति मार्कोस ने फिलीपींस में भारत की अडानी पोर्ट की विस्तार योजनाओं का स्वागत किया। इसके जरिए फिलीपींस कृषि उत्पादों को संभालने वाले बंदरगाहों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है ताकि फिलीपींस को अंततः विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाया जा सके। गौरतलब है कि फिलीपींस और चीन में पिछले दिनों कई मौकों पर चीन सागर में टकराव के हालात बने हैं। इस बीच, भारत और फिलीपींस में रक्षा संबंध तेजी से मजबूत हुए हैं। हाल में ही भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी की है। इसके अलावा भारत ने एएलएच मार्क तीन हेलीकॉप्टर और अन्य हथियारों की खरीद का भी ऑफर दिया हुआ है। अब इसी बीच भारत ने फिलीपींस के एक बंदरगाह को लीज पर लेने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

म्यांमार में हासिल किया सिटवे बंदरगाह

इसके पूर्व मार्च में ही भारत ने म्यांमार के सिटवे में एक बंदरगाह संचालित करने का अधिकार हासिल कर लिया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने कालादान नदी पर स्थित पूरे बंदरगाह के संचालन को संभालने के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल (आईपीजीएल) के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) और दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट (तत्कालीन कांडला पोर्ट ट्रस्ट) के बीच एक संयुक्त उपक्रम है। जहाजरानी मंत्रालय ने वर्तमान में आईपीजीएल को ईरान के चाबहार बंदरगाह पर कंटेनर और बहुउद्देश्यीय टर्मिनलों के उपकरण और संचालन का काम सौंपा हुआ है।

भारत और जापान बिछाएंगे अंडर सी केबल

चीन को घेरने की रणनीति में भारत के प्रयासों को अमरीका और जापान के हिंद महासागर में सक्रियता बढ़ाने संबंधी हालिया सुरक्षा समझौतों से भी बल मिला है। चीन के अरुणाचल पर दावों के बीच भारत के पारंपरिक रूप से मित्र रहे जापान ने स्पष्ट रूप से अरुणाचल को भारत का हिस्सा बताया था। क्वाड के सदस्य के रूप में दोनों देशों में सहयोग सुरक्षा बढ़ाने के लिए जापान और भारत इंडो-पैसिफिक में स्थिर और टिकाऊ अंडरसी केबल बिछाने पर भी मंथन कर रहे हैं, जिसमें आगे ऑस्ट्रेलिया को भी जोड़ा जा सकता है।

Home / National News / ड्रेगन को चुनौतीः हिंद महासागर में तीसरे विदेशी बंदरगाह का विकास करेगा भारत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो