साथ ही बताया कि वो खुद भी एक साल से इलेक्ट्रिक व्हीकल इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हे ये काफी किफायती लग रहा है। इलेक्ट्रिक व्हीकल का खर्च 1 रुपए/किमी आता है। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर्यावरण के लिए भी अच्छा रहता है। क्योंकि इससे प्रदूषण भी नहीं फैलता है। उत्तर प्रदेश में अब आपको बिजली कनेक्शन तभी मिलेगा जब आप स्मार्ट या प्रीपेड मीटर लगवाने को तैयार होंगे। हालांकि बिजली बिल पर अगर संदेह है तो वितरण कंपनियां आपको रियल टाइम खपत डिटेल्स लेने का विकल्प देंगी।
दरअसल ऊर्जा मंत्रालय नए कंज्युमर नियमों के जरिए इसे कानूनी रूप देने जा रहा है। कंज्युमर ये स्मार्ट या प्रीपेड मीटर खुद से लगा सकेंगे या फिर डिस्कॉम से ले सकेंगे। कंज्यूमर पर डिस्कॉम से ही मीटर लेने का दबाव नहीं होगा। कंज्युमर को खुद ही बिल डिटेल्स भेजने का विकल्प मिलेगा। इतना ही नहीं वितरण कंपनी आपको अनाप-शनाप प्रोविजनल बिल भी नहीं भेज सकेंगी। आपातकालीन हालात में एक वित्तवर्ष में सिर्फ 2 बार प्रोविजल बिल भेजे जा सकेंगे। बता दें कि कोरोना काल में प्रोविजनल बिल के नाम पर कंपनियों ने मोटे बिल भेजे हैं। ड्राफ्ट कंज्युमर राइट्स 2020 में ऊर्जा मंत्रालय ने ये प्रावधान किए हैं।