सेल से अटैचमेंट ज्यादा कोरोना संक्रमण का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। अब तक की जांच में यह बात पता नहीं लगाई जा सकी है कि नए वेरिएंट पर वैक्सीन कारगर है या नहीं। केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के प्रोफेसर डॉ शैलेंद्र सक्सेना ने बताया कि ओमिक्रॉन वायरस का संक्रमित शरीर में सेल के साथ अटैचमेंट ज्यादा देखा गया है। यही वजह है कि यह ज्यादा समय तक मरीज के शरीर में रहता है तथा ज्यादा संक्रामक भी होता है। हालांकि, ज्यादा संक्रामक होना ज्यादा तीव्र या खतरनाक होने की निशानी नहीं है।
अधिक ताकतवर पर खतरनाक के प्रमाण नहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि कि पहली लहर के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण स्तर ज्यादा था लेकिन उतना खतरनाक नहीं था वहीं दूसरी लहर के दौरान इसके विपरीत स्थिति देखने को मिली इसका संक्रमण स्तर भले कम था लेकिन कहीं अधिक खतरनाक था। नया ओमिक्रॉन वेरिएंट 6 गुना ज्यादा ताकतवर है लेकिन यह कितना खतरनाक है इसके बारे में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
डरने की नहीं जरूरत एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है। हमें घबराने के बजाय सावधानी बरतने की जरूरत है। पहले से निर्धारित कोरोना वायरस प्रोटोकॉल जैसे कि हाथ धोना, मास्क लगाना, 6 फीट की दूरी रखना व टीकाकरण का पालन किया जाए तो काफी हद तक कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। लोगों को अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए खान-पान का ध्यान रखना चाहिए।