क्या है मामला उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की ट्रांसगंगा सिटी परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा न मिलने से उग्र किसानों के प्रदर्शन ने जिलेभर में दहशत मचा दी है। मामले में अब तक गंगाघाट कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं और कुल 36 नामजद व 400 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें यूपीसीडा की तरफ से सात नामजद व 200 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया गया। वहीं, दूसरे मामले में 29 नामजद और 200 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया। घटनाक्रम में अब तक पांच को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। दरअसल, रविवार सुबह किसानों ने ट्रांसगंगा सिटी के पास बने गोदाम और मिक्सर वाहन में आग लगा दी। आग की चपेट से पानी के प्लास्टिक पाइप जलकर राख हो गए। काफी ऊंचाई तक आग के गुबार उठने से गांव में दहशत मच गया। जानकारी मिलने के बाद पहुंचे फायर ब्रिगेड के दो वाहन ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आगजनी की घटना के बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए। उन्नाव डीएम का कहना है कि किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है। कुछ लोग हैं जो अपने निजी स्वार्थ के लिए किसानों को भड़का रहे हैं। उधर, मुआवजे के लिए किसानों के उग्र व्यवहार ने सियासी तूल पकड़ ली है। इस मामले को लेकर तमाम राजनीतिक हस्तियों ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
किसानों ने उन्नाव जिले में सब स्टेशन के पास बने यूपीसीडा के गोदाम को आग लगा दी। गोदाम से एक किलोमीटर की दूरी पर पुलिस फोर्स तैनात थी। आग से काफी ऊंचाई तक धुएं का गुब्बार बनने से गांव में हड़कंप मच गया। दमकल कर्मियों ने दो फायर मोटर लगाकर आधे घंटे के अंदर आग पर काबू पाया। आगजनी की घटना के बाद डीएम देवेंद्र कुमार पाण्डेय और एसपी माधव प्रसाद वर्मा ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी।
इससे पहले शनिवार को जिले के किसानों ने ट्रांस गंगा सिटी प्रोजेक्ट की जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया था। किसानों का आरोप है कि उन्हें जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया गया। इसी बात के आगोश में किसानों ने यूपीसीडा और पुलिस प्रशासन की टीम पर हमला बोल दिया। पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया तो उग्र ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। पथराव में एएसपी एएसपी विनोद पांडेय, सीओ अंजनी कुमार राय समेत 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। पथराव में जेसीबी मशीन और कार भी क्षतिग्रस्त हो गई। जवाब में पुलिस के लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा ग्रामीण घायल हो गए। इसके दोपहर बाद किसानों ने फिर विरोध कर पथराव किया। पुलिस ने भी लाठीचार्ज कर भीड़ को ट्रांसगंगा सिटी से खदेड़ दिया। इसमें कई ग्रामीणों के हाथ-पैर टूट गए और उनकी दो दर्जन बाइकें और एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। शाम करीब चार बजे को ग्रामीणों ने फिर दबाव बनाने की कोशिश की तो पुलिस ने हवाई फायरिंग कर की जिससे दहशतजदा ग्रामीण पीछे हट गए।
प्रशासन के पास नहीं बकाया मुआवजा जिलधिकारी देवेंद्र पाण्डेय ने कहा कि किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है और प्रशासन के पास उनका कोई बकाया नहीं है। इस दौरान 12 थानों की फोर्स के साथ पीएसी तैनात की गई। किसान नेता सनोज यादव का आरोप है कि सरकार ने गलत तरीके से किसानों की जमीन अधिग्रहीत की है। ऐसे में किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। साथ ही नौकरी व डेवलेपमेंट लैंड जमीन मुहैया कराई जाए।
भाजपा सरकार में किसानों का अपमान मामला सामने आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पुलिस द्वारा किसानों की पिटाई पर नाराजगी जताई। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री क्या केवल किसानों पर लच्छेदार भाषण ही दे पाते हैं? क्योंकि भाजपा सरकार में किसानों का अपमान ही होता रहता है। उन्नाव में जमीन का मुआवज़ा मांग रहे किसानों की पुलिस ने बेरहमी से पिटाई कर दी। महिला किसानों को भी पीटा गया। प्रियंका ने कहा कि अगर किसानों की जमीन ली है तो मुआवजा तो देना ही होगा।
देश में अन्नदाताओं की आत्महत्याएं बढ़ती जा रही: अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अधिलेश यादव ने किसानों पर पुलिस की दमनात्मक कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों को ट्रांस गंगा सिटी प्रोजेक्ट की ज़मीन के उचित मुआवज़े की जगह भाजपा की लाठी मिल रही है। गन्ने का मूल्य नहीं मिल रहा, खड़ी फसल आवारा पशु खा रहे हैं, देश में अन्नदाताओं की आत्महत्याएं बढ़ती जा रही हैं। क्या भाजपा के राज में विकास की यही परिभाषा है?