अंग-प्रत्यारोपण हुआ आसान
आपको बता दें कि मरीजों को पहले अंग प्रत्यारोपण कराने में काफी अड़चनों का सामना करना पड़ता था। पर अब सोट्टो के गठन से बहुत ज्यादा अड़चनों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिन लोगों के पास डोनर नहीं होंगे, उन्हें ब्रेन डेड मरीजों के अंगों से नया जीवन मिल सकेगा। अंग प्रत्यारोपण और उनके संरक्षण से जुड़े सरकार के जो नियम और नेशनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (नोट्टो) की जो जिम्मेदारी हैं, उनका पूरा पालन यूपी का ये सोट्टो केन्द्र करेगा। प्रदेश के जाने माने सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल को इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश में अंग प्रत्यारोपण करने वाले 26 अस्पतालों में नोएडा, मेरठ, आगरा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, मुरादाबाद, कौशांबी के अस्पतालों को लाभ मिलेगा।
26 अस्पताल होंगे अधीन
ऊतक और मानव अंग प्रत्यारोपण करने वाले प्रदेश के सभी 26 सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल सोट्टो के अधीन काम करेंगे। अस्पतालों को अंग प्रत्यारोपण करने वाले सभी नियमों का पूरे तौर पर पालन करना होगा। सोट्टो के नोडल अफसर डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि पीजीआई अब अंग प्रत्यारोपण सेंटर, टिशू बैंक और अस्पतालों के साथ तालमेल स्थापित करेगा। ब्रेन डेड मरीजों के अंगों की जहां जरूरत है, उनसे संपर्क भी करेगा।
लोगों को किया जाएगा जागरुक
इसके अलावा अस्पताल प्रशासन अब प्रदेश भर में जागरूकता अभियान के जरिए लीवर, गुर्दा, स्टेम सेल, कॉनिया, बोन मैरो प्रत्यारोपण समेत शरीर के अन्य अंगों के बारे में लोगों को जागरूक करेगा। इसके साथ ही सरकार द्वारा जारी अंग प्रत्यारोपण की गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रदेश में इससे जुड़े प्रचार प्रसार अंग प्रत्यारोपण का फॉलोअप कर उसकी रिपोर्ट रोट्टो व नोट्टो को भेजी जाएगी।