यूपी परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि लंबित ड्राइविंग लाइसेंस निस्तारण के लिए एनआइसी ने एक सॉफ्टवेयर बनाया है, जिस पर काम शुरू कर दिया गया है। इस व्यवस्था के तहत मुख्यालय स्तर से स्थायी लाइसेंस के लिए पूर्ववत निर्धारित कोटा बहाल करते हुए लंबित आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जाएगा। लेकिन अभी लर्निंग लाइसेंस के आवेदन किये नहीं जा सकेंगे। लंबित प्रकरणों के निस्तारण तक लर्निंग लाइसेंस नहीं बनेंगे। राजधानी लखनऊ में नए लाइसेंस के लिए रोजाना करीब 400 और महीने में करीब 10000 लोग आवेदन करते हैं। वहीं, पूरे उत्तर प्रदेश से रोजाना करीब 8 से साढ़े आठ हजार आवेदन आते हैं। फिलहाल लर्निंग लाइसेंस नहीं बनेंगे।