अरूण सक्सेना द्वारा प्रो एसजी धांडे को नामित किये जाने के विरूद्ध एक जनहित याचिका संख्याः 19162 आफ 2018 मा0 उच्च न्यायालय में दायर की थी। मा0 उच्च न्यायालय की डबल बेंच ( राजेश सिंह चैहान एवं विक्रम नाथ ) ने मामले की सुनवाई के उपरांत अपने निर्णय में कहा कि रूल्स 1952 के चैप्टर 22 के रूल 1 की धारा 3 ए के प्राविधानों के विरूद्ध होने के कारण यह जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस याचिका को गुण-दोष के आधार पर भी निरस्त करते हुए निर्णय में कहा गया है कि प्राविधिक विश्वविद्यालय पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नियमावली-2013 प्रभावी नहीं है क्योंकि प्राविधिक विश्वविद्यालय] विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से किसी प्रकार का वित्त पोषण प्राप्त नहीं करता है।
एकेटीयू प्रवक्ता ने बताया कि हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन हेतु निर्मित चयन समिति में प्रो. एसजी धांडे का चयन किसी प्रकार से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नियमावली-2013 के विरूद्ध नहीं है। अतः जनहित याचिका, स्वीकार्यता एवं गुण-दोष दोनों के आधार पर निरस्त की जाती है। विश्वविद्यालय की ओर से ब्रिजेश कुमार शुक्ला, डॉ एलपी मिश्रा व मनीष कुमार द्वारा विश्वविद्यालय का पक्ष हाईकोर्ट के सामने रखा गया।