डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फिलेटली को “किंग आफ हाबी व हाबी आफ किंग” के रूप में जाना जाता है, जिसमें रूचि रखने पर अनंत विषयों पर डाक टिकटों का संग्रह कर सकते हैं। साथ ही कहा कि संचार के बदलते दौर में आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया को अधिक तरजीह दे रही है। पर बच्चों को फिलेटली (डाक टिकट संग्रह) से जरूर जुड़ना चाहिए। इससे उनका सामान्य ज्ञान खूब विकसित होगा।
चीफ पोस्टमास्टर आर एन यादव ने बताया कि मात्र 200 रुपये में फिलेटली डिपाजिट एकाउंट खोलकर घर बैठे डाक टिकटें प्राप्त की जा सकती हैं। प्रवर अधीक्षक रेल डाक सेवा बीपी त्रिपाठी ने कहा कि माई स्टैम्प के तहत डाक टिकटों पर अब लोगों की फोटो भी हो सकती है। सीनियर फिलेटलिस्ट दिनेश चंद्र शर्मा ने बच्चों को डाक टिकट संग्रह और उनके फायदों के बारे में बताया।
इन्हें मिला सम्मान इस अवसर पर डाक टिकट डिजाइन प्रतियोगिता हेतु तान्या, प्रियंका व नाजिया बानो, फिलेटलिक क्विज सीनियर ग्रुप में शिवा पाठक, अथर्व चौरसिया व सीतू यादव, जूनियर ग्रुप में अर्पिता गुप्ता, वैभवी मिश्रा व अलहमद को क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित किया।