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लखनऊ

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उद्यमियों का सहारा

मुख्य सचिव ने कहा कि किसान हर साल फसल की बुवाई के समय अपनी सारी पूँजी लगाकर खेती करता है।

लखनऊDec 06, 2017 / 03:32 pm

Laxmi Narayan

farmers first
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मकसद से प्रदेश सरकार और सीआईआई ने संयुक्त रूप से राजधानी लखनऊ में फार्मर्स फर्स्ट नाम के कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मंडी परिषद, प्रदेश सरकार, कृषि विभाग के अफसरों के साथ ही किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में उद्यमियों ने मंडी परिषद की कार्यशैली की आलोचना की और एक्ट में बदलाव की मांग उठाई।
सबसे अधिक जोखिम वाला कारोबार है कृषि

राजधानी लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों के दीर्घकालिक लाभ के लिए जरूरी है कि कृषि उत्पादों की मार्केटिंग से जुड़े समझौतों में सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखा जाए तभी समझौता दीर्घकालिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एग्री बिजनेस की पढाई के दौरान पहले दिन प्रोफेसर ने पूछा कि सबसे अधिक जोखिम वाला काम कौन सा है। इस सवाल के जवाब में बहुत सारे विद्यार्थियों ने शेयर बाजार व अन्य कामों को जोखिम वाला काम बताया लेकिन प्रोफेसर ने कृषि को सबसे अधिक जोखिम वाला काम बताया।
कृषि में विविधीकरण अपनाने पर जोर

मुख्य सचिव ने कहा कि किसान हर साल फसल की बुवाई के समय अपनी सारी पूँजी लगाकर खेती करता है। किसान अपने काम में विविधीकरण को नहीं अपनाता। किसानों के हित में है कि फसल विविधता को अपनाया जाए। उन्होंने कहा कि दुनिया में पैसे की उपलब्धता बढ़ी है जिस कारण ज्वार, बाजरा जैसे अनाजों का उपयोग घटा है और भोजन में बदलाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए तकनीकी सबसे महत्वपूर्ण है। तकनीकी के उपयोग का सबसे आसान तरीका है उन्नत बीज का प्रयोग। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है मार्केटिंग। चीन ने पांच सालों में आमदनी को दोगुनी करने में सफलता हासिल कर ली। उत्तर प्रदेश में कृषि मंडी समिति और सीआईआई का कार्यक्रम लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा।
मंडी परिषद की कार्यशैली पर उठे सवाल

कार्यक्रम में कन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों ने मंडी परिषद की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये। उद्यमियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मॉडल मंडी एक्ट का उपयोग नहीं होता है। उत्तर प्रदेश में मंडी शुल्क नहीं टैक्स वसूला जाता है। सात सालों में मंडी परिषद में एक भी मामले की सुनवाई नहीं हुई है। मंडी परिषद ने कई उद्यमियों को जेल भिजवाने का काम किया। पत्रकारों से बातचीत में मुख्य सचिव ने कहा कि इन बिंदुओं की समीक्षा होगी और सभी बाधाओं को दूर करने की कोशिश होगी।
कृषि उत्पादन में उत्तर प्रदेश है महत्वपूर्ण

इस पूरे आयोजन का मकसद सरकार, उद्यमियों और किसानों के बीच समन्वय स्थापित कर उनके उत्पादों को बेहतर मूल्य दिलाने की कोशिश होगी। उत्पादकता बढ़ाने लिए तकनीकी के उपयोग, दुग्ध विकास, उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने की व्यवस्था के लिए सभी पक्षों के बीच समझौतों और समवन्य बढ़ाने की योजना तैयार होगी। उत्तर प्रदेश गेंहू, आलू, आम और दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है। इसके अलावा चावल, गन्ना, दाल, सब्जी और आंवले के उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण स्थान है। कोशिश है कि किसानों को सीधे बाजार और उद्यमियों से जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाने की पहल हो।
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