लखनऊ

PM Kisan Samman Nidhi Yojana: जांच में खुली पोल, यूपी के साढ़े सात लाख अपात्रों के खाते में जा रही पीएम किसान सम्मान निधि

PM Kisan Samman Nidhi Yojana: सत्यापन के बाद पीएम किसान सम्मान निधि लेने वाले अपात्रों से रिकवरी की जाएगी। उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर भ कार्रवाई होगी जिनकी अनदेखी और लापरवाही के चलते अपात्र इस योजना के लाभार्थी बन गए।

लखनऊJun 30, 2021 / 02:04 pm

रफतउद्दीन फरीद

पीएम किसान सम्मान निधि योजना

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. PM Kisan Samman Nidhi Yojana: उत्तर प्रदेश में पीएम किसान सम्मान निधि योजना (pradhan mantri kisan samman nidhi yojana) का लाभ लेने में आपत्रों की संख्या काफी अधिक है। चेकिंग और सत्यापन में अभी तक ऐसे साढ़े सात लाख अपात्र चिन्हित किये जा चुके हैं। सरकार अब किसान सम्मान निधि पाने वाले लाभार्थियों का सत्यापन तकनीक के जरिये करा रही है। शासन के निर्देश पर सभी जिलों में लाभार्थियों के सत्यापन का कार्य तेजी से किया जा रहा है और जिसमें तमाम ऐसे लाभार्थी सामने आ रहे हैं जो या तो गड़बड़ी करके या फिर सूचनाएं छिपाकर किसान सम्मान निधि हड़प रहे हैं। जांच और सत्यापन के बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई करते हुए उनसे रिकवरी की जाएगी।

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यूपी में अब तक 16.48 करोड़ को मिली सम्मान निधि

केन्द्र की मोदी सरकार ने साल 2019 में फरवरी के महीने में किसानों को हर तिमाही पर सीधे उनके खाते में 2000 रुपये की रकम डालने का ऐलान किया था। इसे नाम दिया गया था ‘किसान सम्मान निधि’, जिसके तहत लाभार्थी किसानों को सालाना 6000 रुपये तीन किस्तों में दिये जाते हैं। इसका मकसद लघु और सीमांत किसानों को हर साल एक मुश्त रकम देकर फायदा पहुंचाना है। लाभार्थी किसानों का चयन कर उनके खाते में रकम भेजी जाने लगी। अब तक अकेले उत्तर प्रदेश में 16.48 करोड़ किसानों को उनके खाते में एक से लेकर आठ किस्तों में किसान सम्मान निधि की रकम भेजी जा चुकी है।

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अब खोजे जा रहे अपात्र

हर योजना की तरह इसमें भी बड़ी तादाद में अपात्र लाभार्थी बन गए। आधार कार्ड और बैंक खातों व मोबाइल नंबर जैसी जानकारियाें के बावजूद किसान सम्मान निधि हड़पने में अपात्र पीछे नहीं। शिकायत मिलने और जांच में ऐसे अपात्र लाभार्थी मिलने भी लगे। अब योजन को दो साल पूरे होन पर केन्द्र सरकार लाभार्थियों की जांच करा रही है। इस बार इसके लिये तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। बैंक खतों को आधार कार्ड और आयकर विभाग से लिंक कराते ही यूपी में साढ़े सात लाख अपात्र सामने आए। ये आयकरदाता भी हैं और सम्मान निधि पाने के लिये गड़बड़ियां भी की हैं। ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें लाभार्थी की मौत के बाद भी फर्जी आधार कार्ड के जरिये निधि का लाभ लिया जा रहा है।

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अपात्रों से रिकवरी, अफसरों पर कार्रवाई

सत्यापन कराने के बाद जो लाभ लेने वाले अपात्रों पर तो कार्रवाई होगी ही उन अधिकारी और कर्मचारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा जिनकी लापरवाही और अनदेखी से अपात्रों को लाभ मिला। सत्यापन कार्य पूरा कर लिये जाने के बाद जो लाभ लेने वाले जो लोग अपात्र पाए जाएंगे उनसे रिकवरी की जाएगी। इसके अलावा अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करके उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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ऐसे खंगाले जा रहे अपात्र

बैंक पासबुक को आधार और फिर आयकर विभाग से लिंक कराने के बाद गड़बड़ियां सामने आने के बाद। अब लाभार्थियो में से अपात्रों की खोज की जा रही है। जेन में ही अपर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सत्यपन कराने का निर्देश दिया था। दो मंडलों की रोजाना ऑनलाइन समीक्षा की जा रही है। इस काम में कृषि विभाग के अलावा अन्य विभागों से भी कर्मचारी लगाए गए हैं। सभी जिलों में सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है। पीएम कृषि सम्मान निधि योजना के नोडल अधिकारी पीयूष कुमार शर्मा के अनुसार10 जुलाई तक सत्यापन काम पूरा करने का लक्ष्य है। हर दिन पोर्टल पर रैंडम सेलेक्शन करके जांच करने के आदेश हैं। बता दें कि अपात्रों को खोजने के लिये लाभार्थियों को पांच से अधिक बिंदुओं पर खंगाला जा रहा है। आयकरदाता, मृतक किसान, गलत बैंक अकाउंट, फर्जी आधार कार्ड और भूलेख आदि के चलते अपात्र आदि कारण इसमें शामिल हैं।

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