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30 जून तक जमा कर दें किसान क्रेडिट कार्ड, वर्ना भरना पड़ेगा जुर्माना उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार ने दिसंबर 2018 से किसानों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी। तब से लेकर किसानों को हर साल दो-दो हजार रुपए की तीन किस्तों में दिए जाते हैं। बिजनौर जिले की बात करें तो यहां कुल 3 लाख 66 हजार 2 सौ 40 किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से अब इस योजना के तहत कुछ कुछ पात्रों की जांच भी कराई जा रही है। शासन स्तर पर 17 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दो साल के 2020-21 में 5 प्रतिशत किसान और 2021-22 में लाभ लेने वाले 10 प्रतिशत किसानों का सत्यापन कराया है, जिसमें बड़े स्तर पर धांधली मिली है।
शासन स्तर की जांच में हुआ खुलासा शासन स्तर की जांच में यह खुलासा हुआ है कि अकेले बिजनौर जिले में 5 हजार 7 सौ 11 किसान आयकरदाता होते हुए भी पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। अब इन्हें पीएम किसान सम्मान निधि योजना की सूची से हटाया जा रहा है। इतना ही नहीं लाभ ले चुके इन किसानों से कृषि विभाग वसूली करने की तैयारी भी कर रहा है। रिपोर्ट के अनुुसार, इस योजना के तहत लगभग 525 मृतक किसानों के खातों में भी सम्मान निधि जा रही है। अब इन मृतक किसानों के स्थान पर उनकी पत्नी के नाम पर योजना की किस्त ट्रांसफर की जाएगी। इसके अलावा 700 से ज्यादा अन्य अपात्र लोगों को भी इस निधि का लाभ मिल रहा है, जिनसे वसूली की प्रकिया नोटिस के माध्यम से शुरू की जाएगी।
10 जुलाई तक होगा सत्यापन का कार्य उपकृषि निदेशक गिरीश चंद शर्मा ने बताया कि बिजनौर जिले में 3 लाख 66 हजार 2 सौ 40 किसान सम्मान निधि के लाभार्थी हैं। शासन स्तर पर 5711 आयकरकर दाताओं को चिन्हित करके किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले रुपए की वसूली जल्द की जाएगी। शासन स्तर पर ही 10 जुलाई तक सत्यापन का कार्य किया जाना है। सत्यापन हो जाने के बाद सभी अपात्र जो इस निधि का लाभ नहीं ले सकते हैं। उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि के लाभ से हटाने का काम किया जाएगा और उनसे वसूली भी की जाएगी।
इन किसानों को नहीं मिलता पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ – पिछले वर्ष में आयकर भरने वाले किसान योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। – सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त कर्मचारी भी लाभ नहीं उठा सकते हैं।
– कृषि भूमि अगर खेती करने वाले के नाम पर नहीं है तो योजना का लाभ नहीं मिलता है। – 10 हजार से अधिक पेंशन लेने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी भी अपात्र की श्रेणी में रखे गए हैं।
– किराए की भूमि पर खेती करने वाले किसान भी योजना का लाभ नहीं उठा सकते। – संवैधानिक पद पर रहते हुए भी योजना का लाभ नहीं मिलता। – केंद्र, राज्य सरकार में मंत्री, सांसद या विधायक भी अपात्र की श्रेणी में हैं।
– किसान डॉक्टर, इंजीनियर, चाटर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट और अधिवक्ता जैसे पद पर है तो उन्हें भी योजना का लाभ नहीं सकता है। यह भी पढ़ें-
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